बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बलात्कार के मामले में न्यायिक हिरासत में बंद पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी. जद (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल ने घरेलू नौकरानी से रेप के मामले में जमानत और हसन जिला पंचायत के पूर्व सदस्य पर बलात्कार और अश्लील वीडियो साझा करने के मामले में अग्रिम जमानत मांगी है. जस्टिस एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली एकल सदस्यीय बेंच ने प्रज्वल की याचिकाओं पर सुनवाई की और उन्हें खारिज कर दिया.
कोर्ट की सुनवाई के दौरान प्रज्वल रेवन्ना की ओर से दलील देने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंगा नवदगी ने कहा कि, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ने वीडियो में आरोपी और पीड़िता की मौजूदगी को स्पष्ट नहीं किया है. वकील ने अपनी दलील में कहा कि, पीड़िता द्वारा दी गई शिकायत की विश्वसनीयता को लेकर आपत्तियां हैं. पीड़िता ने लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को साक्षात्कार दिया था. इसमें बलात्कार का कोई आरोप नहीं था.
उन्होंने कहा कि, सीआरपीसी की धारा 164 के तहत भी बयान में बलात्कार का आरोप नहीं लगाया गया है. उन्होंने कहा कि शिकायत पांच साल देरी से दर्ज करने का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. सुनवाई के दौरान वकील ने अदालत को बताया कि,पीड़िता की बेटी के बयान को साक्ष्य माना गया है. हालांकि, उसके बयान में मतभेद हैं... एक बार बलात्कार हुआ था, लेकिन यह सहमति से किया गया कृत्य था.
उन्होंने दलील दी, हसन जिला पंचायत के एक पूर्व सदस्य ने भी बलात्कार का आरोप लगाया है. हालांकि, शिकायत दर्ज करने से कुछ दिन पहले उन्होंने याचिकाकर्ता के साथ लोकसभा चुनाव सम्मेलन में भी हिस्सा लिया था. उन्होंने आगे कहा, अश्लील वीडियो साझा करने के मामले में याचिकाकर्ता की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने अदालत को बताया कि, "प्रज्वल रेवन्ना 30 मई से हिरासत में है, हम अदालत से भागेंगे नहीं. उन्होंने सुनवाई के दौरान कोर्ट से पूर्व सांसद रेवन्ना के लिए जमानत दिए जाने की मांग की.
इस पर आपत्ति जताने वाले विशेष सरकारी वकील रविवर्मा कुमार ने कहा, "प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार के आरोप तब शुरू हुए, जब उनके पिता विधायक एचडी रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आए. वे सांसद थे और उन्होंने नौकरानी को धमकी दी थी कि अगर उसने रेप के बारे में बताया तो वह उसके पति को मार डालेगा. उन्होंने अश्लील वीडियो जारी करने की भी धमकी दी. इस वजह से पीड़िता ने देरी से शिकायत दर्ज कराई."
उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा, "शिकायत दर्ज होने के समय प्रज्वल देश छोड़कर जा चुका था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि, अब तक प्रज्वल अपना फोन जांचकर्ताओं को नहीं सौंपा है. उन्होंने अदालत को बताया कि, पीड़िता की बेटी के बयान और एफएसएल रिपोर्ट ने इस कृत्य की पुष्टि की है। प्रज्वल द्वारा शौचालय में ली गई तस्वीरें और एफएसएल रिपोर्ट, सभी एक जैसी हैं."
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