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न्याय इतना सुलभ और सस्ता हो कि गरीब तक पहुंच सके : ओम बिरला - High Court Platinum Jubilee

Rajasthan High Court Platinum Jubilee, राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आज हमें खुशी है कि भारत की जनता के अंदर न्यायालय और न्यायाधीशों के प्रति अटूट विश्वास है. बावजूद इसके अभी हमारी यात्रा समाप्त नहीं हुई है. हमारी यात्रा का यह अंतिम पड़ाव भी नहीं है, क्योंकि हमारी यात्रा का अंतिम पड़ाव तब होगा जब हम देश-प्रदेश में पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को त्वरित न्याय दिला सकेंगे.

Rajasthan High Court Platinum Jubilee
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (ETV BHARAT Jodhpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 27, 2024, 8:37 PM IST

जोधपुर. ऐतिहासिक 75 वर्ष की यात्रा के अंदर हमने बहुत सारे परिवर्तन किए और उस परिवर्तन को करते-करते आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि हम लोगों को सस्ता, सरल और सहज रूप से न्याय दिला सके हैं. अभी हमारी यात्रा समाप्त नहीं हुई है. हमारी यात्रा का यह अंतिम पड़ाव भी नहीं है, क्योंकि हमारी यात्रा का अंतिम पड़ाव तब होगा जब हम प्रदेश और देश में पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को त्वरित न्याय दिला सकेंगे. आज हमें खुशी है कि भारत की जनता के अंदर न्यायालय का और न्यायाधीशों के प्रति अटूट विश्वास है. यह कहना है लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का.

दरअसल, शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली वर्ष के उपलक्ष्य में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन जोधपुर की ओर से न्याय प्रणाली के सशक्तिकरण में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर सेमीनार का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. वहीं, समारोह को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि न्यायपालिका में जिस तरह से टेक्नोलॉजी का उपयोग करके हम डिजिटल हाईटेक हो गए हैं. उसी तरह लोकसभा में भी टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने देश की हर अदालत में योगदान दिया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पंकज मित्तल ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट ने जिस तरह कॉज लिस्ट को प्रिंट करना बंद किया है, वो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. मैं जब इलाहबाद हाईकोर्ट में एक्सपेंउिचर कमेटी में था. तब कॉज लिस्ट का बकाया बिल करीब 63 करोड़ था, जो गर्वमेंट प्रेस को देना था. उन्होंने कहा कि कॉज लिस्ट ऑनलाइन करने से काफी पैसा बचा है. पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी कार्य किया गया है.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता ने कहा कि एक मामला ऐसा आया, जब 14 साल से एक कैदी को पैरोल नहीं मिली. तब पता चला कि उसका नंबर नहीं आया. उसके बाद सभी कैदियों के लिए एक ऐप बनाया गया और कैदियों की जानकारी उस ऐप पर डाली गई. इस तरह से ई-प्रिजनर ऐप आया और सभी कैदियों की जानकारी उसमें है. यही व्यवस्था उन्होंने गुवाहाटी उच्च न्यायालय में भी करवाई. इस तरह से टेक्नॉलोजी से जेल में बंद हर कैदी को न्याय पहुंच रहा है.

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राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने बार एंड बैंच के सहयोग से टेक्नोलॉजी का बढ़ावा देने और आने वाले नए अधिवक्ताओं को अधिक से अधिक टेक्नीक का उपयोग करने की सलाह दी. राजस्थान सरकार के विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने इस मौके पर कहा कि विधानसभा भी जल्द ही पेपरलेस होगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह हाईकोर्ट में टेक्नोलॉजी का यूज हो रहा है, उसी प्रकार विधानसभा में भी होगा.

कार्यक्रम में जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने राजस्थान हाईकोर्ट में उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी से अवगत करवाया. कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया और उनकी टीम ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीशों और पूर्व न्यायाधीशों का सम्मान किया गया.

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