रायपुर: रायपुर पुलिस ने खूंखार लॉरेंस बिश्नोई गैंग और अमन साहू गैंग के चार शूटरों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने राजस्थान से एक और रायपुर से तीन शूटरों को धर दबोचा है. यह सभी शूटर छत्तीसगढ़ में कारोबारी की हत्या के मकसद से पहुंचे थे. रायपुर पुलिस ने इनके पास से एक पिस्तौल, एक खाली मैगजीन और चार मोबाइल फोन जब्त किए हैं. शूटर्स की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा ने किया है.
चार इंटरस्टेट शूटर्स गिरफ्तार: आईजी अमरेश मिश्रा ने रायपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान इस बात का खुलासा किया है कि चारों शूटरों को पुलिस न 72 घंटे के ऑपरेशन के बाद अरेस्ट किया है. इन शूटरों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग और अमन साहू गैंग के सदस्य हैं. 72 घंटे तक लगातार रायपुर पुलिस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन चलाया जिसके बाद यह सफलता हासिल हुई है.
कहां से ताल्लुक रखते हैं शूटर्स ?: रायपुर पुलिस की गिरफ्त में आए चारों शूटर्स झारखंड और राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं. शूटर रोहित स्वर्णकार झारखंड के बोकारो का रहने वाला है. जबकि मुकेश कुमार, देवेंद्र सिंह और पप्पू सिंह राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले हैं. इन शूटरों के तार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग से जुड़े हैं. इन दोनों गैंग के करीबी मयंक सिंह से इन चारों को इनपुट मिलता था. जिसके बाद यह क्रिमिनल गतिविधियों को अंजाम देते थे. जिसमें वसूली का काम सबसे ज्यादा था.
"रायपुर पुलिस ने अमन साहू गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है.ये गैंग अंतरराज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करता है. छत्तीसगढ़ में पिछले साल एक दो घटनाएं सामने आई थी. ये गैंग दूसरे गैंग के साथ मिलकर कई जगहों में सक्रिय रहा है. 72 घंटे पहले से ये कार्रवाई शुरू की गई थी. इनको पकड़ने से कई घटनाएं होने से रुकी है. ये गैंग दो तीन बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में था. 4 आरोपियों में तीन राजस्थान के हैं और एक झारखंड का है. आरोपियों के साथ पुलिस ने घटना में जो आर्म का इस्तेमाल किया जाना था, पुलिस ने जब्त किया है.": अमरेश मिश्रा, आईजी, रायपुर रेंज
कोर्ड वर्ड का इस्तेमाल करता था गैंग: ये गैंग कोड वर्ड का इस्तेमाल कर वारदात को अंजाम देते थे. इन आरोपियों ने स्वीकार किया है कि ये लॉरेन्स गैंग और अमन साहू गैंग के लिए काम किया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि इनके गैंग में जो पूरी घटना को अंजाम देता था. वो अपना नाम मयंक सिंह रख लेता है. कैरेक्टर बदलता है, व्यक्ति बदलता है, लेकिन नाम वहीं रहता है. ये इनका कोड वर्ड है. मयंक सिंह के इंस्ट्रक्शन से ही गैंग के पूरी वारदात को हैंडल किया जाता है.
किस तरह का कोर्ड वर्ड करते थे यूज: गिरफ्त में आए शूटर्स अलग अलग तरह का कोर्ड वर्ड यूज करते थे. जिसमें राम राम, जय माता दी और अन्य कोर्ड वर्ड का खुलासा हुआ है. मयंक सिंह ने रोहित को 29 अलग अलग कोर्ड वर्ड यूज करने का लिस्ट दिया था. जबकि मुकेश को राम राम और जय माता दी कोर्ड वर्ड यूज करने के लिए निर्देश दिया था. किसके खिलाफ क्राइम करना है यानि की टारगेट कौन है. इसका खुलासा इनके रायपुर पहुंचने के कुछ दिन बाद होना था. राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ की पुलिस तीनों ने आपस में इन शूटर्स को लेकर सूचनाएं साझा की है. जिसके आधार पर आगे और कार्रवाई की जाएगी.