बस्तर में राहुल गांधी, महिला और आदिवासी वोटरों पर कांग्रेस का फोकस - LOK SABHA ELECTION 2024
बस्तर लोक सभा सीट इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए नाक का सवाल बन गई है. पहले पीएम मोदी ने बस्तर में चुनावी सभा कर आदिवासी वोटरों को साधने की कोशिश की. अब राहुल गांधी बस्तर दौरे से आदिवासी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए मैदान में उतरे हैं.
जगदलपुर: जगदलपुर में राहुल गांधी की आज विशाल आम सभा हो रही है. इस सभा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि लोकसभा चुनाव, देश का चुनाव है. साल 2019 में हमने बस्तर लोकसभा सीट को जीता. अब प्रदेश की सभी 11 सीटें जीतने की जिम्मेदारी है. कांग्रेस को जिताकर राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाना है.
राहुल गांधी बस्तर की सभा से न सिर्फ आदिवासी वोटरों पर फोकस करेंगे बल्कि बस्तर की धरती से बीजेपी को चुनौती भी देंगे. राहुल गांधी का दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि राहुल गांधी के दौरे से पहले पीएम बस्तर का दौरा कर गए हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों की कोशिश है कि बस्तर लोकसभा की सीट उनकी झोली में जाए. पिछले लोकसभा चुनाव में बस्तर से कांग्रेस को विजय मिली थी. बीजेपी को यहां से पराजय का मुंह देखना पड़ा था.
बस्तर का रण:19 अप्रैल को बस्तर लोकसभा सीट पर पहले चरण में मतदान होना है. बस्तर लोकसभा सीट दोनों पार्टियों के लिए अहम है. बस्तर लोकसभा सीट पर आदिवासी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. बस्तर में आदिवासी और महिला वोटर्स जिसके पक्ष में जाते हैं जीत की उसकी सुनिश्चित होती है. पीएम नरेंद्र मोदी की रैली भी इसलिए सबसे पहले बस्तर के जगदलपुर में हुई. शुक्रवार को खुद सीएम विष्णु देव साय जगदलपुर में रोड शो के जरिए बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाते नजर आए. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री राजनाथ सिंह भी बस्तर दौरे पर आदिवासी वोटरों को लुभाने की तैयारी में हैं.
बस्तर लोकसभा सीट में कुल आठ विधानसभा सीट है:बस्तर लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें कोंटा, बीजापुर, चित्रकोट, जगदलपुर, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा शामिल हैं. कांग्रेस ने इस बार अपने दिग्गज आदिवासी नेता कवासी लखमा को मैदान में उतारा है. कवासी लखमा पिछली सरकार में आबकारी मंत्री रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी ने बस्तर लोकसभा सीट से महेश कश्यप को मैदान में खड़ा किया है. महेश कश्यप भी बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता. कुल मिलाकर इस बार आदिवासी वोटर जिधर जाएगा जीत उसकी पक्की है.