देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार तमाम विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों द्वारा सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में कठोर कानून लाने जा रही है. सरकार ऐसे उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए उनसे वसूली से जुड़ा कानून बनाने की तैयारी में है. जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को सरकार जल्द ही सदन में भी ला सकती है.
सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ बनेगा कानून: हल्द्वानी हिंसा के बाद सरकार ने उपद्रव या दंगा करने वालों के खिलाफ अपनी सख्ती को जाहिर किया है. ऐसे मामलों में सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी, इस बात का भी संदेश सीधे तौर पर दे दिया गया है. इसी कड़ी में अब राज्य सरकार प्रदर्शन के दौरान उपद्रव करने वालों से वसूली के लिए भी कानून लाने जा रही है. उत्तर प्रदेश की तरह ही उत्तराखंड सरकार भी इस मामले में कठोर कानून लाकर ऐसे लोगों को कड़ा संदेश देना चाहती है.
सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक होगा पेश! उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक के जरिए यह संभव हो सकेगा. इसके तहत उपद्रव होने की स्थिति में जो भी सरकारी संपत्ति या निजी संपत्ति का नुकसान होगा, उसकी भरपाई भी इन्हीं आरोपियों से की जा सकेगी. फिलहाल इसके लिए क्या-क्या नियम तय होंगे, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि राज्य सरकार इस मामले में कठोर कानून लाने जा रही है.
बजट सत्र में आ सकता है विधेयक! इस दौरान एक ट्रिब्यूनल का गठन करते हुए ऐसे मामलों की सुनवाई किए जाने की भी व्यवस्था किए जाने की जानकारी है. खबर है कि बजट सत्र के दौरान राज्य सरकार इससे जुड़े विधेयक को ला सकती है. हालांकि सरकार को इसके लिए होमवर्क भी करना होगा और इसमें तय तमाम नियमों को लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी. ऐसा हुआ तो उत्तराखंड ऐसे चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां पर उपद्रव या दंगा करने वालों से ही इस दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी.
यूपी में दंगाइयों से होती है नुकसान की वसूली:उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार दंगाइयों से बहुत सख्ती से निपटती है. इसके लिए उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक लागू है. इस कानून के अनुसार उपद्रव या दंगों से किसी की मौत पर उसके परिजनों को न्यूनतम पांच लाख रुपये मुआवजे का भुगतान भी किया जाता है. ये वसूली उपद्रव या दंगा करने वालों से वलूसा जाता है. यूपी की योगी सरकार ने सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति का दायरा बढ़ाने के साथ किसी हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वालों तथा गंभीर रूप से घायल होने वाले पीड़ितों के लिए मुआवजे की न्यूनतम राशि का भी प्रावधान किया हुआ है. इसी कारण योगी आदित्यानाथ के मुख्यमंत्रित्वकाल में यूपी में दंगे होने बंद हो गए हैं.
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