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'बिहार से पूंजी-बुद्धि दोनों का पलायन', प्रशांत किशोर के इस आंकड़े से आप चकरा जाएंगे - Prashant Kishor - PRASHANT KISHOR

Bihar CD Ratio : प्रशांत किशोर ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. जहां एक ओर उन्होंने बिहार के पलायन और रोजगार के मुद्दे को उठाया, वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार, लालू यादव और बीजेपी को आड़े हाथों लिया. आगे पढ़ें पूरी खबर

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 5, 2024, 3:56 PM IST

पटना :जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं. बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर उनका फोकस है. वह बीजेपी-आरजेडी-जेडीयू सभी पर एक साथ प्रहार कर रहे हैं. यही नहीं आकड़ों को पेश कर राज्य की दयनीय स्थिति से लोगों को रू-ब-रू करवा रहे हैं.

'नौकरी छोड़िए, रोजगार तो दीजिए' :प्रशांत किशोर ने कहा कि, आप लोगों को सब्जबाग दिखाया जा रहा है कि हम आएंगे तो 10 लाख नौकरी एक ही बार में दे देंगे. 75 साल में 30 से ज्यादा सरकारों ने मिलकर 23 लाख नौकरी बिहार में दी है. 98 फीसदी बिहार के लोगों के पास सरकारी नौकरी नहीं है और उन्हें सरकारी नौकरी मिलेगी भी नहीं. लेकिन रोजगार जरूर मिलनी चाहिए.

प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)

सीडी रेशियो को समझाया : पीके ने समझाया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हर साल एक आंकड़ा जारी करता है. जिसे क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो कहते है, मतलब बैंकों में हमने आपने कितना पैसा जमा किया और इसके एवज में बैंकों ने कितना पैसा हम सबको वापस रोजगार, घर बनाने के लिए, गाड़ी खरीदने और पढ़ाई करने के लिए दिया, इसे ही सीडी रेशियो कहते हैं. पूरे देश में सीडी रेशियो 75 फीसदी औसत है. यानी सब लोगों ने मिलकर बैंक में 100 रुपया जमा किया तो बैंकों ने 75 फीसदी वापस दिया लोन के तौर पर ताकि लोगों को रोजगार मिल सके.

''बिहार में 1990 से लेकर सीडी रेशियो 40 फीसदी है. नतीजा, पूरे बिहार की गरीब जनता ने बैंकों में 4 लाख 61 हजार करोड़ जमा किया, इसका 75 फीसदी करीब 2 लाख 80 हजार करोड़ बिहार की जनता को मिलता चाहिए. लेकिन मिला 1 लाख 61 हजार करोड़. इसका असर ये है कि पिछले 30 वर्षो में बिहार के बैंकों ने बिहार से 26 लाख करोड़ रुपया दूसरे राज्यों में भेज दिया. यहां से पूंजी और बुद्धि दोनों का पलायन हो रहा है.''-प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

'बिहार का पैसा दूसरे राज्यों में गया' : प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बैंकों ने बाकी का पैसा उन राज्यों में भेज दिया जहां उद्योग धंधे लग रहे हैं, यानी गुजरात, कर्नाटक, आंध्र, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु में. इन राज्यों में सीडी रेशियो 90 फीसदी से ज्यादा है, यानी इन राज्यों के लोग बैंक में 100 रुपया जमा करते हैं तो उन्हें रोजी रोजगार के लिए 90 रुपया मिला.

जन सुराज के कार्यक्रम की तस्वीर (सौजन्य- जन सुराज सोशल मीडिया X)

pk का नीतीश कुमार पर सीधा वार :पीके ने कहा कि, दिल्ली में सरकार बिहार के सांसदों की मदद से चल रही है. कहा गया कि इस बार तो पूरी कमान नीतीश कुमार के हाथ में है. तो नीतीश कुमार ने क्या मांगा? उन्होंने मांगा कि हमें कौन-कौन मंत्रालय चाहिए. अभी 18 वर्ष से खून चूसने से मन नहीं भरा और 5 वर्ष और मुख्यमंत्री बनाओ.

आपको बिहार के बच्चों के हक की बात याद नहीं आई? :प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा है कि, नीतीश कुमार ने यह नहीं कहा कि बिहार में 30 चीनी मिल बंद है, उसे चालू करोगे तब समर्थन देंगे. बताइये कैसे रोजगार मिलेगा? बिहार के बच्चों की बात, रोजगार की बात हो तो नीतीश भूल जाते हैं. हालांकि यह याद रहता है कि किसको मंत्री बनाना है, कौन सा मंत्रालय चाहिए.

प्रशांत किशोर ने कहा कि याद रखिए, जनसुराज 243 सीट पर लड़ेगा. या तो हम अर्श पर मरेंगे या फर्श पर मरेंगे. बीच में लटकने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है.

pk का लालू यादव पर अटैक : प्रशांत किशोर ने लालू यादव पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों में डर बैठ गया है कि वे गरीब हैं इसलिए चुनाव नहीं जीत सकते हैं. लालू यादव को मुस्लिम और यादव इसलिए वोट डेते हैं क्योंकि उन्हें बीजेपी से डर लगता है. अगर इनके (यादव-मुस्लिम) अंदर से यह डर निकल गया और विकल्प मिल गया तो लालटेन से केरोसिन निकल जाएगा.

BJP के परिवारवाद पर निशाना :जन सुराज के संयोजक ने कहा का उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी बीजेपी के नेता हैं. बीजेपी का दावा है कि हम परिवार वाली पार्टी नहीं है. जब कांग्रेस का शासन था तो सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी विधायक और सांसद थे. जब लालू राज आया तब उसमें भी शकुनी चौधरी विधायक, मंत्री बने. फिर नीतीश कुमार का राज आया तो उसमें भी विधायक, मंत्री थे. फिर मांझी के राज में भी विधायक, मंत्री थे. अब बीजेपी के राज में उन्हीं का बच्चा मिला. यही आपको समझना है.

पटना में हुए कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर. (ETV Bharat)

''आप अपने क्षेत्र में जाइये, अपने अपने विधानसभा में देखेंगे कि तीन चार परिवार ने कुंडली मार कर रखा है. बिहार में 13 करोड़ आबादी है, 3 करोड़ से ज्यादा परिवार हैं, लेकिन सांसद और विधायक सिर्फ 1200 सौ परिवार के लोग ही बनते हैं. इसी को बदलने हम आए हैं.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

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