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पेन ड्राइव मामला: JDS ने कर्नाटक सरकार के खिलाफ राज्यपाल से की शिकायत, CBI जांच का अनुरोध - Pen Drive Case

Karnataka Pen Drive Case: जेडीएस नेताओं ने कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात की और प्रज्वल रेवन्ना से संबंधित कथित अश्लील वीडियो मामले में सीबीआई जांच कराने का अनुरोध किया. जेडीएस ने कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का भी आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर.

JDS delegation complaints to Governor
कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मिले जेडीएस नेता (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 9, 2024, 10:24 PM IST

बेंगलुरु: जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना के कथित अश्लील वीडियो मामले में एसआईटी जांच सहित कई मुद्दों को लेकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ राज्यपाल से शिकायत की है. पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में जेडीएस का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार दोपहर राजभवन गया और राज्यपाल थावर चंद गहलोत को शिकायत सौंपी.

जेडीएस ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि पेन ड्राइव बांटने की निष्पक्ष जांच कराई जाए. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नाम का उल्लेख किया था. शिकायत पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं के बयान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए राजनीति से प्रेरित हैं.

जेडीएस ने शिकायत में अनुरोध किया है कि विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. एसआईटी टीम राज्य सरकार से प्रभावित है इसलिए राज्यपाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से मामले की गहन जांच की सिफारिश करने में हस्तक्षेप करना चाहिए.

शिकायत पत्र में कहा गया है कि भाजपा नेता देवराज गौड़ा और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच हुई बातचीत से यह स्पष्ट है कि सीएम सिद्धारमैया और शिवकुमार ने पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी और जेडीएस की छवि खराब करने की योजना बनाई थी. जेडीएस का कहना है कि हासन जिले में बस स्टैंड, पार्क और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर 25,000 से अधिक पेन ड्राइव के वितरण के पीछे उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार हैं, इसलिए मुख्यमंत्री को शिवकुमार को मंत्रिमंडल से हटाने की सलाह दी जानी चाहिए क्योंकि वह मामले के मास्टरमाइंड हैं.

एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीएस ने कहा है कि एसआईटी द्वारा की गई जांच पक्षपातपूर्ण और अधूरी है. इसमें पारदर्शिता नहीं है. एसआईटी पीड़ितों को शिकायत दर्ज करने के लिए धमकी दे रही है. राज्य सरकार उन वीडियो के प्रसार को रोकने में पूरी तरह से विफल रही है, जिससे पीड़ित महिलाओं के परिवारों का अपमान हुआ है. सरकार इन वीडियो को प्रसारित करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में विफल रही है. एसआईटी ने कार्तिक गौड़ा और नवीन गौड़ा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, जिन्होंने वीडियो साझा किया है.

राज्यपाल को शिकायत सौंपने से पहले गुरुवार सुबह जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने कहा कि कांग्रेस सरकार जांच को भटका रही है. गलत काम करने वालों को सजा मिलनी चाहिए. लेकिन सजा देने के बजाय दुष्प्रचार किया जा रहा है.

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