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मिजोरम के ऊर्जा मंत्री का काफिला रोका! असम राइफल्स की चौकियों की बिजली 8 घंटे तक गुल रही

मिजोरम सरकार में ऊर्जा मंत्री एफ रोडिंगलियाना ने आरोप लगाया है कि गुरुवार को उनके काफिले को आइजोल की सीमा पर असम राइफल्स के जवानों ने रोक दिया. वहीं, दूसरी तरफ इस घटना के बाद मिजोरम में असम राइफल्स के ठिकानों पर बिजली गुल हो गई.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 5 hours ago

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मिजोरम के ऊर्जा मंत्री के काफिले को रोका! जवानों से हुई बहस (ETV Bharat)

आइजोल/गुवाहाटी: मिजोरम सरकार में ऊर्जा और बिजली मंत्री एफ रोडिंगलियाना के काफिले को कथित तौर पर आइजोल की सीमा पर असम राइफल्स के जवानों ने रोक दिया. मिली जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद मिजोरम में असम राइफल्स के ठिकानों पर बिजली करीब 8 घंटे के लिए गुल हो गई. असम राइफल्स का आरोप है कि, इससे ऑपरेशनल तैयारियां खतरे में पड़ गईं और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा जोखिम पैदा हो गया.

खबर के मुताबिक, असम राइफल्स की नियमित सड़क गश्त के कारण उन्हें भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ा. मिजोरम में असम राइफल्स की सभी चौकियों की बिजली आपूर्ति गुरुवार को दोपहर 2 बजे से रात 8.30 बजे तक काट दी गई. खबर के मुताबिक, आइजोल के बाहरी इलाके में स्थित जोखावसांग में स्थापित एआर मोबाइल वाहन चेक पोस्ट (एमवीसीपी) ने कथित तौर पर मिजोरम के बिजली मंत्री एफ रोडिंगलियाना के काफिले को रोक दिया.

इस पर मंत्री और उनके सुरक्षा कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि, असम राइफल्स ने मंत्री के काफिले को रोका. वहीं दूसरी ओर असम राइफल्स ने स्पष्ट किया कि काफिले को रास्ता दिया गया था और रुकने का फैसला काफिले ने ही लिया था. हालांकि, मिजोरम में असम राइफल्स की सभी चौकियों पर उसी दिन दोपहर 2 बजे से बिजली कटौती हो गई, जिसके बारे में एआर का मानना है कि यह उनके संचालन में बाधा डालने के उद्देश्य से जानबूझकर किया गया कदम था.

असम राइफल्स के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में शनिवार को यह बात कही गई, साथ ही कहा गया कि यह घटना 17 अक्टूबर को हुई, जब युद्ध जैसे सामानों की संभावित आवाजाही के बारे में विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर असम राइफल्स ने ज़ोखावसांग के पास एक मोबाइल वाहन चेक पोस्ट (एमवीसीपी) स्थापित किया था. एआर प्रवक्ता द्वारा जारी बयान में कहा गया, "जब मंत्री रोडिंगलियाना का काफिला, जिसमें चार वाहन शामिल थे, चेकपॉइंट के पास पहुंचा, तो मंत्री के वाहन को मानक प्रक्रियाओं के अनुसार गुजरने दिया गया. हालांकि, काफिला स्वेच्छा से उस स्थान पर रुक गया, जहां नागरिक वाहनों पर नियमित जांच की जा रही थी."

एआर (असम राइफल) प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि, इस दौरान मंत्री के लोक सचिव वाहन से बाहर निकले और अपनी जैकेट उतार दी और ड्यूटी पर मौजूद असम राइफल्स के जवानों के लिए अपशब्द कहे. आरोप है कि, लोक सचिव ने सैनिकों से जबरन बॉडी कैमरे भी छीन लिए, जबकि काफिले के अन्य सदस्यों का व्यवहार भी विघटनकारी था. एआर प्रवक्ता का कहना था कि, इस दौरान काफिला से बाहर आए लोगों ने देशभक्तिहीन टिप्पणियां भी कीं.

एआर ने आगे कहा कि घटना के बारे में ऑनलाइन प्रसारित वीडियो में मंत्री के कर्मचारियों द्वारा असम राइफल्स की बिजली आपूर्ति को काटने की धमकी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. एआर के बयान में कहा गया है, "मिजोरम में असम राइफल्स की चौकियों को प्रभावित करने वाली बाद की बिजली कटौती संचालन में बाधा डालने के उद्देश्य से जानबूझकर की गई कार्रवाई प्रतीत होती है." देश के सबसे पुराने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में से एक, असम राइफल्स भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करता है.

उन्होंने कहा कि, एआर का प्रशासन गृह मंत्रालय द्वारा किया जाता है जबकि परिचालन नियंत्रण भारतीय सेना के पास है. यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि मिजोरम उत्तर पूर्व भारत में एक भूमि से घिरा हुआ राज्य है जिसका दक्षिणी भाग म्यांमार और बांग्लादेश के साथ 722 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है. असम राइफल्स ने आगे स्पष्ट किया कि मंत्री के काफिले को स्पष्ट रास्ता दिया गया था, और रुकने का निर्णय काफिले द्वारा ही लिया गया था.

उन्होंने कहा, "घटना के वीडियो स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि काफिले के एक वाहन को जानबूझकर सड़क को अवरुद्ध करने के लिए तैनात किया गया था, संभवतः टकराव पैदा करने के लिए." एआर के बयान में कहा गया है, "इस घटना के बाद मिजोरम में असम राइफल्स के ठिकानों पर बिजली गुल हो गई, जिससे ऑपरेशनल तैयारियां खतरे में पड़ गईं और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा जोखिम पैदा हो गया."

एआर के प्रवक्ता ने आगे कहा कि असम राइफल्स को 510 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा करने का दायित्व सौंपा गया है और एनडीपीएस अधिनियम के तहत अवैध ड्रग व्यापार का मुकाबला करने का भी काम सौंपा गया है, जिसमें इस साल अब तक 130 से अधिक ऑपरेशनों में मिजोरम में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के नजदीक 690 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ पकड़े गए हैं, क्योंकि यह हथियारों और गोला-बारूद सहित युद्ध जैसे सामानों की अवैध तस्करी का ट्रांजिट रूट है.

असम राइफल्स राज्य और राष्ट्र दोनों की सुरक्षा बनाए रखने के लिए ऑपरेशन चलाती है. एआर के प्रवक्ता यह भी कहा कि, बिजली दोपहर 2 बजे कट गई थी, जिसके बाद उसी शाम 8.30 बजे के आसपास बहाल हो गई, जिसके बाद काम फिर से शुरू हो गया है.

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