नई दिल्ली:आम आदमी पार्टी ने रोहिंग्या के मुद्दे पर कई मोर्चों पर भाजपा और केंद्रीय गृहमंत्री आमित शाह की घेराबंदी की. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह से प्रश्न किया कि रोहिंग्या को दिल्ली कौन लाया? उन्हें दिल्ली में बीजेपी सरकार क्यों बसा रही है? बीजेपी सरकार दिल्ली के लोगों का हक और सुविधाएं छीन कर उन्हें क्यों दे रही है? उन्होंने कहा कि देश के गृहमंत्री न तो दिल्ली में अपराध रोक पा रहे हैं और ना ही बॉर्डर पर घुसपैठ. अमित शाह कह रहे हैं कि बॉर्डर की सुरक्षा भी राज्य सरकार को ही करनी है. तो क्या अब केंद्र सरकार देश के बॉर्डर सुरक्षित रखने में अपनी नाकामी क़बूल कर रही है?
बॉर्डरों की सुरक्षा पर अमित शाह से सवाल:केजरीवाल ने कहा कि इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर चार हजार किलोमीटर है. उस चार हजार किलोमीटर में से तीन हजार किलोमीटर बॉर्डर बाड़ से घिरी हुई है और एक हजार किलोमीटर बाड़ रहित है. लेकिन जो रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का भारत के अंदर घुसना हो रहा है, वह हर तरफ से हो रहा है. जो बाड़ रहित बॉर्डर है, वहां से भी हो रहा है. जहां बाड़ लगी हुई है, वहां दो तख्ती लगाकर उसके ऊपर से कूदकर आ जा रहे हैं. भारत सरकार क्या कर रही है? क्या भारत सरकार खुलेआम यह स्वीकार कर रही है कि वह देश के बॉर्डरों की सुरक्षा करने में नाकाम है?
रोहिंग्या-बांग्लादेशी बॉर्डर कैसे कर रहे हैं क्रॉस?अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहली चीज तो यह है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी बॉर्डर क्रॉस कैसे कर रहे हैं? दूसरी चीज यह है कि वो बंगाल और असम से दिल्ली कैसे पहुंच रहे हैं? केवल दिल्ली ही नहीं इन्होंने कहा है कि झारखंड में भी रोहिंग्या रह रहे हैं. क्या उनको सुनियोजित तरीके से वहां से ट्रांसपोर्ट करके देश के अलग-अलग भागों में बसाया जा रहा है? अगर बसाया जा रहा है तो इन लोगों को पता है कि कहां बसाया जा रहा है. दिल्ली के अंदर 2022 में हरदीप सिंह पुरी ने बयान दिया था कि बक्करवाला के ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में रोहिंग्यों को बसाया जाएगा. क्या वो ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स दिल्ली के लोगों के नहीं थे? क्या उनके ऊपर दिल्ली के लोगों का अधिकार नहीं है? सरकारों ने वो फ्लैट्स दिल्ली के गरीब लोगों के लिए बनाए थे. अगर हमारे हक के फ्लैट, बिजली-पानी, नौकरियां बांग्लादेश से लाकर अवैध अप्रवासियों को दिए जाएंगे तो दिल्ली की जनता कहां जाएगी?