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चीन-पाकिस्तान की जोड़ी पर पीएम की नजर, मोदी के रूस दौरे पर हो सकती है चर्चा - PM Modi Russia visit

PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने रूस दौरे पर जा रहे हैं. वे रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदलती हुई परिस्थितियां भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं. पाकिस्तान यूएन का अस्थायी सदस्य बनने जा रहा है. वहां पर चीन पहले ही मौके की तलाश में है, ताकि वह भारत को कूटनीतिक तरीके से घेर सके. इसलिए भारत को हर हाल में अपने पुराने और विश्वस्त साथी रूस का सहयोग चाहिए.

PM Modi
दो दिवसीय दौरे पर रूस जाएंगे पीएम मोदी (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 27, 2024, 3:52 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 6:00 PM IST

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर रूस जा रहे हैं, जहां वह 8-9 जुलाई को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. पीएम मोदी की रूस यात्रा भारत की रणनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बढ़ने की संभावना है और गाजा में हमास के खिलाफ इजरायली युद्ध में कमी आने के भी कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.

इसके साथ ही, एक और ऐसा डेवलपमेंट हो रहा है, जिसके केंद्र में पाकिस्तान है. पाकिस्तान जनवरी 2025 से दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने जा रहा है. यहां यह भी जानना जरूरी है कि चीन पहले ही यूएन में कई मौकों पर उन आतंकियों का बचाव करता रहा है, जो भारत के खिलाफ षडयंत्र में शामिल है. चीन जम्मू कश्मीर पर भी प्रस्ताव लाने का अवसर तलाशता रहा है. ऐसे में पाकिस्तान और चीन की यह जोड़ी किस तरह से काम करेगी, भारत इस पर जरूर नजर रखेगा और इसका काउंटर रूस के जरिए ही किया जा सकता है.

IHRC का सदस्य नहीं रहेगा भारत
भारत अगले साल जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद का सदस्य भी नहीं रहेगा. पिछली बार 2018 में जब भारत सदस्य नहीं था, तब इसने ने जम्मू-कश्मीर में तथाकथित मानवाधिकार उल्लंघनों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. ऐसे में भारत को बहुपक्षीय मंचों पर एक्टिव रहना होगा, क्योंकि पाकिस्तान के सेना प्रमुख अकरम चीन के साथ मिलकर भारत को संयुक्त राष्ट्र में एक कोने में धकेलने की कोशिश करेंगे.

मीडिया रिपोर्ट बताते हैं कि इस कूटनीतिक खेल को देखते हुए पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय चर्चा करने का फैसला किया है. राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर क्रीमिया या रूसी भीतरी इलाकों में तनाव बढ़ता है तो वे पश्चिम के विरोधियों को हथियार देंगे.

ब्रिटेन में सत्ता में आ सकती है लेबर पार्टी

रिपोर्ट यह भी है कि अगर ब्रिटेन में लेबर पार्टी सत्ता में आती है, तो भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अमेरिका में यदि ट्रंप की वापसी होती है, तो फिर से एक नया समीकरण विकसित हो सकता है. वैसे, ट्रंप और मोदी के व्यक्तिग रिश्ते अच्छे हैं.

भारत के लिए जटिल स्थिति
पश्चिमी देशों के रूस को यूक्रेन में धकेलने के कारण भारत की स्थिति जटिल हो गई है, क्योंकि पुतिन को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शांति स्थापित करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि रूस पर बीजिंग द्वारा अपने ईस्टर्न पेरिफेरी में दबाव डाला जा रहा है. पश्चिमी देश रूस के लिए सभी रास्ते खुले रखने के लिए भारत की आलोचना कर सकते हैं.

भारत रूस को चीन के साथ गठजोड़ करने का जोखिम नहीं उठा सकता, क्योंकि भारत की अधिकांश सैन्य सप्लाई अभी भी मास्को से आती है, जबकि चीनी नौसेना बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका और पाकिस्तान के साथ बीआरआई का लाभ उठाकर हिंद महासागर क्षेत्र में अपने पदचिह्नों का विस्तार कर रही है. इसके चलते भारत की कूटनीति चतुराईपूर्ण तरीके से एक्टिव किए जाने की जरूरत है, क्योंकि यथास्थिति बनाए रखना या हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना अब कोई विकल्प नहीं है.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 6:00 PM IST

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