नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार करने पर कांग्रेस पर सवाल उठाया. एएनआई को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने राम मंदिर मुद्दे को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया है. राम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा और उनके जन्म से पहले से ही यह मुद्दा चला आ रहा था. उस वक्त भी इस मामले को कोर्ट के जरिये निपटाया जा सकता था. समस्या का समाधान निकाला जा सकता था. भारत के बंटवारे के समय भी वे तय कर सकते थे कि ऐसा-ऐसा करेंगे. ऐसा नहीं किया गया. क्यों? क्योंकि यह उनके लिए वोट बैंक की राजनीति के लिए एक हथियार की तरह था.
पीएम मोदी ने आगे कहा, यहां तक कि जब मामला अदालत में चल रहा था, तब भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने अदालत के फैसले में देरी करने की कोशिश की. क्योंकि उनके लिए यह एक राजनीतिक हथियार था. वे कहते रहे कि राम मंदिर बनाएंगे, तुम्हें मार देंगे. यह अपने वोट बैंक को खुश करने का एक तरीका था. अब क्या हुआ? राम मंदिर बन गया, कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और वो मुद्दा उनके हाथ से निकल गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोमनाथ मंदिर से लेकर अब तक की घटनाएं देखिए. कांग्रेस की सोच पता चल जाएगी. सोमनाथ मंदिर से क्या समस्या थी? आजादी के बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद वहां जाना चाहते थे. उस समय न कोई जनसंघ था, न भाजपा. लेकिन उन्होंने राजेंद्र बाबू को जाने से मना कर दिया.