नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विश्व धरोहर समिति (WHC) के 46वें सत्र का उद्घाटन किया. यह पहला मौका है, जब भारत विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है. उद्घाटन समारोह में यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले भी मौजूद रहीं. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र के लिए 1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा.
उन्होंने कहा, "पृथ्वी हमारी मां है और हम उसके बच्चे हैं. इसी विचार के साथ भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और मिशन लाइफ जैसे समाधान दे रहा है." प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देखा है कि दुनिया में विरासत के अलग-अलग केंद्र हैं, लेकिन भारत इतना प्राचीन है कि वर्तमान का हर बिंदु किसी गौरवशाली अतीत की कहानी कहता है. दिल्ली का ही उदाहरण लें. दुनिया दिल्ली को भारत की राजधानी के तौर पर जानती है, लेकिन यह शहर हजारों साल पुरानी विरासत का केंद्र है.
भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं- पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा कि यहां आपको हर कदम पर ऐतिहासिक विरासत देखने को मिलेगी. यहां से करीब 15 किलोमीटर दूर कई टन वजनी लोहे का एक स्तंभ है. एक ऐसा स्तंभ जो 2000 सालों से खुले में खड़ा है, फिर भी उसमें आज तक जंग नहीं लगी है. इससे पता चलता है कि उस समय भी भारत का धातु विज्ञान कितना उन्नत था. यह स्पष्ट है कि भारत की विरासत सिर्फ इतिहास नहीं है, भारत की विरासत विज्ञान भी है. भारत की विरासत टॉप इंजीनियरिंग की गौरवशाली यात्रा को भी दर्शाती है.