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जानिए कौन हैं अरुणाचल में BJP को दूसरी बार सत्ता दिलाने वाले पेमा खांडू - Arunachal Pradesh election result

BJP In Arunachal Pradesh, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा ने जीत हासिल की है. पार्टी को यहां तक पहुंचाने वाले पेमा खांडू दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के साथ ही खेल प्रेमी भी हैं. इतना ही नहीं संगीत के शौकीन खांडू आधिकारिक समारोहों में किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी के क्लासिक गाने गाकर दर्शकों का मन मोह लेते हैं.

Know who is Pema Khandu who brought BJP to power for the second time in Arunachal
जानिए कौन हैं अरुणाचल में BJP को दूसरी बार सत्ता दिलाने वाले पेमा खांडू (ANI- file photo)

By PTI

Published : Jun 2, 2024, 5:31 PM IST

ईटानगर : खेल प्रेमी और संगीत प्रेमी पेमा खांडू पिछले कुछ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में एक बड़े नेता के रूप में उभरे हैं. खासकर 2016 में संवैधानिक संकट के बाद, जिसकी वजह से राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था. खांडू को एक रणनीतिकार के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने राजनीतिक तिकड़मों के जरिए चीन की सीमा से लगे पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार भाजपा को सत्ता में पहुंचाया. रविवार को भाजपा लगातार तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश की सत्ता में लौट आई. पार्टी ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीटें जीतीं.

खांडू की राजनीतिक यात्रा एक निजी त्रासदी के बीच शुरू हुई. 2011 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनके पिता, पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की असामयिक मृत्यु ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया. हालांकि वे 2000 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे और विभिन्न पदों पर रहे. लेकिन अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो से निर्विरोध उपचुनाव जीतने के बाद तक उन्होंने सही मायने में अपना राजनीतिक मार्ग नहीं बनाया था.

नबाम तुकी की कांग्रेस सरकार में पर्यटन मंत्री के रूप में काम करते हुए, जनवरी 2016 में संवैधानिक संकट के बाद उनके नेतृत्व का दायरा तेजी से बढ़ा, जिसके कारण राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था. जब केंद्र सरकार का शासन हटने के बाद वे कलिखो पुल के नेतृत्व वाली भाजपा समर्थित सरकार में मंत्री बन गए. हालांकि, यह सरकार ज़्यादा दिन नहीं चल पाई. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद तुकी को बहाल कर दिया गया, जिन्होंने जल्द ही इस्तीफ़ा दे दिया और सिर्फ़ 37 साल की उम्र में खांडू जुलाई 2016 में मुख्यमंत्री बन गए. तभी से खांडू और उनकी सरकार ने दो बार अपनी पार्टी की संबद्धता शीघ्रता से बदली है.

सितंबर 2016 में कांग्रेस से पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (PPA) और फिर उसी वर्ष दिसंबर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. उनके कार्यकाल के मात्र तीन महीने बाद ही, सत्तारूढ़ कांग्रेस के 43 विधायक भाजपा की सहयोगी पीपीए में शामिल हो गए थे. यद्यपि आंतरिक कलह के कारण उन्हें पीपीए से निलंबित कर दिया गया, लेकिन खांडू ने अधिकांश पीपीए विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होकर, अपनी स्थिति सुरक्षित रखते हुए तथा सदन में अपना बहुमत साबित करते हुए लचीलेपन और अनुकूलनशीलता का परिचय दिया. 2019 में खांडू ने दूसरी बार मुक्तो विधानसभा सीट से जीत हासिल की और बिना किसी राजनीतिक बाधा के मुख्यमंत्री बने. राजनीति से इतर खांडू को उनके सांस्कृतिक योगदान के लिए जाना जाता है.

संगीत के शौकीन खांडू आधिकारिक समारोहों में किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी के क्लासिक गाने गाकर दर्शकों का मन मोह लेते हैं. सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों में प्रतिभा प्रदर्शनियों के माध्यम से पारंपरिक गीतों को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों में स्पष्ट दिखाई देती है. खेल, खांडू के अन्य जुनूनों में से एक है, जिसमें वे सक्रिय रूप से क्रिकेट टूर्नामेंटों का आयोजन करते हैं और स्थानीय एथलीटों को सहयोग देते हैं. इसके अलावा फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन और वॉलीबॉल सहित विभिन्न खेलों में प्रतिभाओं को बढ़ावा देते हैं.

दिल्ली के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक खांडू मोनपा जनजाति के सदस्य हैं, जो मुख्य रूप से तवांग और पश्चिमी कामेंग के कुछ हिस्सों में निवास करती है. 19 अप्रैल को लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए विधानसभा चुनावों के लिए उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त शासन के मुद्दे पर प्रचार किया तथा पारदर्शिता और जन-केंद्रित नीतियों पर जोर दिया. बौद्ध धर्म को मानने वाले 45 वर्षीय खांडू इस बार भी सीमावर्ती जिले तवांग की मुक्तो सीट से निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.

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