NITI AAYOG MEETING AND MAMTA ROW: नीति आयोग की बैठक पर पर कांग्रेस ने अपना स्टैंड साफ किया है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हमें यकीन था कि प्रधानमंत्री राज्यों के साथ न्याय नहीं कर सकते, इसलिए हमने बहिष्कार करने का फैसला किया.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की फाइल फोटो. (IANS)
नई दिल्ली:नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के इंडिया ब्लॉक के फैसले पर पहली बार कांग्रेस ने विस्तार के अपनी बात रखी है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया से इस बारे में बात की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बहुमत के लिए दो राज्यों पर निर्भर है. बजट में सरकार ने उन्हीं दो राज्यों के लिए खजाना खोल दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन था कि प्रधानमंत्री न्याय नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया.
खेड़ा ने कहा कि चुनाव परिणामों के बाद हमें लगा था कि प्रधानमंत्री मोदी जनता के मूड को समझ कर सिर्फ डबल इंजन सरकार के लिए काम नहीं करेंगे. लेकिन, बजट में हमने देखा कि उन्होंने सिर्फ उन राज्यों के लिए अपना खजाना खोल दिया जो उनके गठबंधन में महत्वपूर्ण सहयोगी है. जिन पर वे निर्भर हैं. चाहे वह नीतीश कुमार की पार्टी हो या एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी.
पवन खेड़ा ने कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र को इसलिए दंडित किया गया, क्योंकि भाजपा को इन दो राज्यों में पर्याप्त सीटें नहीं मिलीं. उन्होंने कहा कि हमें यकीन था कि ऐसी मानसिकता वाले प्रधानमंत्री न्याय नहीं कर सकते. इसीलिए हमने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया. वे राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्रियों के साथ न्याय नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि बैठक में गई ममता बनर्जी को भी बोलने नहीं दिया गया. उनका माइक बंद कर दिया गया. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का 'अपमान' किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि नीति आयोग की बैठक में पांच मिनट के बाद उन्हें बोलने से रोक दिया गया.
संजय राउत ने रविवार को मुंबई में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नीति आयोग बजट के अनुसार काम करता है. बजट से स्पष्ट है कि केवल भाजपा शासित राज्यों को ही पैसा और योजनाएं दी जा रही हैं. इसलिए स्टालिन (तमिलनाडु के सीएम), तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के सीएम ने बैठक का बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बैठक में शामिल हुईं. उन्हें बोलने नहीं दिया गया. पश्चिम बंगाल की सीएम का अपमान किया गया. उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, यह लोकतंत्र के अनुकूल नहीं है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता बनर्जी का दावा 'निराधार' है. वह इंडिया ब्लॉक के नेताओं को खुश रखने के लिए प्रयास कर रही हैं. बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हुई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक को बीच में छोड़ कर निकल गई. उन्होंने आरोप लगाया कि वह बोल रही थीं और पांच मिनट के बाद ही उनका माइक बंद कर दिया गया. उन्होंने केंद्र सरकार पर 'बंगाल का अपमान' करने का आरोप लगाया.