नई दिल्ली/नोएडा: शेयर मार्केट में निवेश पर मोटा मुनाफा कमाने और लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश फेज वन और सेक्टर-20 थाने की पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में किया. इस मामले में पुलिस ने सरगना सहित 8 आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया, इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस गिरफ्त में आए बदमाशों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है.
डीसीपी नोएडा रामबदन सिंह ने बताया कि सेक्टर-20 थाने में दर्ज एक मुकदमे के सिलसिले में जब पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही, तभी ठगी करने वाले गिरोह के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए एसीपी 2 शैव्या गोयल की अगुवाई में एक टीम बनाई गई. टीम ने शनिवार को सेक्टर दो में संचालित कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर गिरोह के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
वर्तमान में सभी आरोपी नोएडा और दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर किराए का कमरा लेकर रह रहे थे. आरोपियों की उम्र 25 से 35 साल के बीच है. गिरोह का सरगना गणेश ठाकुर और ज्ञानेंद्र है. एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गिरोह का सरगना ऐसे लोगों का डाटा लेता था जिन्हें लोन व इंश्योरेंस की आवश्यकता होती थी. आरोपी विभिन्न बैंकों का कर्मचारी बताते हुए ग्राहकों को कॉल करते थे. इसके बाद ग्राहक की आवश्यकता अनुसार प्रलोभन देकर आसान शर्तों पर लोन, इंश्योरेंस कराने का विश्वास दिलाकर उनसे कुल रकम का 10 से 15 प्रतिशत धनराशि पहले ही ले लेते थे. रकम ट्रांसफर कराने के बाद आरोपी ग्राहक से संपर्क ही तोड़ देते थे. गिरोह का सरगना बिना किसी लाइसेंस के फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहा था. आरोपियों के द्वारा अबतक पांच सौ से अधिक लोगों से करीब 6 करोड़ रुपए की ठगी की जा चुकी है.
मूल नाम बदलकर करते थे संपर्क: ग्राहकों के साथ ठगी करने के लिए आरोपी अपने मूल नाम की जगह कोई दूसरा नाम इस्तेमाल करते थे. झांसे में आकर जब कोई ग्राहक मोटी रकम निवेश कर देता था तो उसे दो से तीन गुना मुनाफा होने की जानकारी दी जाती थी. जब ग्राहक मुनाफे समेत अपनी पूरी रकम को वापस करने की बात करता था तब आरोपियों द्वारा बताया जाता था कि आरबीआई व आईआरडीए के प्रावधानों के तहत उसे संपूर्ण भुगतान के लिए फीस के तौर पर और पैसा जमा करना होगा. कई बार ग्राहकों को यह भी बताया जाता था कि उनका पैसा कंपनी द्वारा शेयर मार्केट में लगाकर और अधिक मुनाफा उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए भी लोगों को झांसा देकर उनके साथ धोखाधड़ी कर मोटी रकम वसूली जाती थी.
डेढ महीने पहले ही खोला था कॉल सेंटर: पूछताछ में गिरोह के सरगना ने बताया कि नोएडा में उसने डेढ़ महीने पहले ही कॉल सेंटर खोला था. पूर्व में वह अलग-अलग जगहों पर कॉल सेंटर खोलकर लोगों के साथ ठगी कर चुका है. चार से छह महीने बाद आरोपी जगह बदल देते थे ताकि पकड़े न जाएं. उत्तर प्रदेश के बाहर के लोगों को आरोपी निशाना बनाते थे. दूरी होने के कारण पीड़ित नोएडा पुलिस से मामले की शिकायत नहीं कर पाते थे. आरोपियों के द्वारा नोएडा के एक व्यक्ति से भी दो करोड़ रुपये के आसपास फर्जी अकाउंट में डलवाया गया था.
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