राजनीतिक दलों के चुनाव पूर्व वादे मतदाताओं को भ्रष्ट नहीं करते: उच्च न्यायालय - Karnataka High Court - KARNATAKA HIGH COURT
Karnataka High Court On Corrupt Election Practice : हाईकोर्ट ने कर्नाटक की सरकार में मंत्री जमीर अहमद खान के खिलाफ दायर चुनाव विवाद याचिका खारिज कर दी.
बेंगलुरु: उच्च न्यायालय ने चामराजपेट विधायक और मंत्री जमीर अहमद खान के खिलाफ दायर एक चुनाव विवाद याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि सत्ता में आने पर कुछ नीतियों को लागू करने का एक राजनीतिक दल का वादा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के दायरे में नहीं आता है. न्यायमूर्ति एम.आई. अरुण की अध्यक्षता वाली एकल सदस्यीय पीठ ने उसी निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता शशांक जे. श्रीधर की ओर से जमीर अहमद खान के चुनाव पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस बात पर भी बहस की जरूरत है कि क्या कांग्रेस पार्टी की ओर से किये गये वादे मुफ्त उपहार समाज के एक वर्ग को लुभाएंगे. मतदाताओं को ऐसे वादों के पूरा होने की संभावनाओं के बारे में पता होना चाहिए. वे यह भी तय करते हैं कि किसी विशेष पार्टी को वोट देना है या नहीं. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के तहत भ्रष्टाचार नहीं है.
एस सुब्रमण्यम बालाजी बनाम तमिलनाडु सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिये गये फैसले का जिक्र करते हुए बेंच ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से दी गई 5 गारंटी सामाजिक कल्याण की नीतियां हैं. वे आर्थिक रूप से व्यवहार्य हैं या नहीं, यह दूसरी बात है. विपक्ष को यह साबित करना होगा कि उन योजनाओं के क्रियान्वयन से राज्य सरकार का खजाना दिवालिया हो जायेगा. उन योजनाओं या नीतियों को गलत के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. हालांकि, यह नहीं कहा जा सकता कि वे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं.
याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने यह साबित करने के लिए कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया कि प्रतिवादी ने व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं को लालच दिया. उन्होंने केवल कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र के तत्वों का उल्लेख किया. अदालत ने कहा कि केवल इसी आधार पर प्रतिवादी की पसंद को रद्द नहीं किया जा सकता. याचिकाकर्ता ने कहा कि जमीर अहमद खान ने पांच गारंटी देकर मतदाताओं को लुभाया है. इसलिए, इसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार माना जाना चाहिए और उनका चुनाव रद्द किया जाना चाहिए.