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पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल जम्मू पहुंचा, जलविद्युत परियोजनाओं की करेगा समीक्षा - Pakistani Delegation - PAKISTANI DELEGATION

Pakistani Delegation Arrives Jammu Review Hydroelectric Projects: पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल पांच साल बाद जम्मू-कश्मीर पहुंचा. यह सिंधु जल संधि के तहत जलविद्युत परियोजनाओं का अवलोकन करेगा.

Hydroelectric Projects
जलविद्युत परियोजना (प्रतिकात्मक फोटो) (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 24, 2024, 10:07 AM IST

श्रीनगर: सिंधु जल संधि के तहत दो पनबिजली परियोजनाओं का निरीक्षण करने के लिए एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल रविवार शाम को जम्मू पहुंचा. यह दौरा जल उपयोग पर विवादों को सुलझाने के उद्देश्य से तटस्थ विशेषज्ञ कार्यवाही का हिस्सा है. आने वाले दिनों में प्रतिनिधिमंडल चेनाब घाटी में किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजनाओं का निरीक्षण करेगा.

1960 की संधि के विवाद समाधान तंत्र के तहत पांच साल से अधिक समय में यह किसी पाकिस्तानी दल का जम्मू-कश्मीर का पहला दौरा है. आखिरी निरीक्षण जनवरी 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने से पहले हुआ था. 2016 में पाकिस्तान ने इन परियोजनाओं के डिजाइन पर अपनी आपत्तियों के संबंध में विश्व बैंक से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था. हालांकि पाकिस्तान ने शुरू में एक तटस्थ विशेषज्ञ के माध्यम से समाधान की मांग की थी, लेकिन बाद में उसने मध्यस्थता न्यायालय के माध्यम से निर्णय लेने का प्रयास किया. हालांकि, भारत ने हमेशा तटस्थ विशेषज्ञ कार्यवाही का समर्थन किया है.

1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान द्वारा हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि ने नदी जल उपयोग पर सहयोग के लिए स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना की. इस संधि के तहत सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों का पानी पाकिस्तान को और रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का पानी भारत को आवंटित किया गया.

अक्टूबर 2022 में द्विपक्षीय वार्ता विफल होने के बाद विश्व बैंक ने एक तटस्थ विशेषज्ञ और मध्यस्थता न्यायालय के अध्यक्ष दोनों को नियुक्त किया. इसके बाद भारत ने संधि को संशोधित करने के लिए एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि संधि के तहत समान मुद्दों पर एक साथ विचार-विमर्श की अनुमति नहीं है. मध्यस्थता न्यायालय ने जुलाई 2023 में फैसला सुनाया कि वह मध्यस्थता के लिए पाकिस्तान के अनुरोध पर निर्णय ले सकता है.

पाकिस्तान ने मार्च 2023 में अपने कानूनी दस्तावेज प्रस्तुत किए और अप्रैल में मध्यस्थता न्यायालय ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नीलम-झेलम हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्लांट का दौरा किया. भारत ने मध्यस्थता न्यायालय में भाग लेने से इनकार करते हुए अगस्त 2023 में तटस्थ विशेषज्ञ के समक्ष अपना मामला प्रस्तुत किया. इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विभिन्न विभागों से 25 संपर्क अधिकारी नियुक्त किए. ये अधिकारी दोनों देशों के तटस्थ विशेषज्ञों और प्रतिनिधिमंडलों की गतिविधियों का समन्वय करेंगे.

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