मुंबई: किसी भी राज्य में उद्योग उस राज्य के युवाओं को काम और रोजगार प्रदान करते हैं; जिससे उस राज्य में बेरोजगारी कम होती है. इसमें लघु उद्योगों की अहम भूमिका होती है. लेकिन कोविड महामारी के बाद महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार और महायुति सरकार में पिछले चार वर्षों में 12 हजार छोटे उद्योग बंद हो गए. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने संसद में बताया कि जुलाई 2020 से जुलाई 2024 तक के चार वर्षों में अकेले महाराष्ट्र में 12 हजार लघु उद्योग बंद हो गए हैं.
सरकार की उदासीनता
राज्य में ढाई वर्षों तक पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एमवीए गठबंधन की सरकार थी. इन ढाई वर्षों में राज्य के कई उद्योग दूसरे राज्यों में चले गए. गुजरात में उद्योगों को भगाने के लिए विपक्ष की ओर से शोर मचाया जा रहा है. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि भाजपा नीत महायुति सरकार गुजरात समर्थक है, महाराष्ट्र विरोधी है; लेकिन सिर्फ इन ढाई सालों में ही नहीं, बल्कि उससे पहले भी यह जानकारी सामने आ चुकी है कि महा विकास अघाड़ी सरकार में कई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बंद हो गए हैं. इसलिए राज्य में बंद हो रहे लघु उद्योगों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की उदासीनता देखी जा रही है.
देश में 49 हजार लघु उद्योग बंद हुए
दूसरी ओर, देश भर में पिछले चार वर्षों में 49,342 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) बंद हुए हैं. इन उद्योगों के बंद होने के कारण लाखों लोग बेरोजगार हुए. बेरोजगारी की संख्या लाखों में है. 49,342 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में से अकेले महाराष्ट्र में 12,000 उद्यम बंद हो गए. चौंकाने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र में 12,000 छोटे उद्योगों के बंद होने से 54,000 से अधिक श्रमिकों बेरोजगार हो गए. उनके लिए रोजी-रोटी चलाना मुश्किल हो गया.