नई दिल्ली : भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और भारतीय विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी दो विधेयकों का अध्ययन कर रही संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष मंगलवार को अपने विचार साझा किये. समिति ने विशेषज्ञों और हितधारकों से परामर्श करना शुरू कर दिया है.
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने इस अवधारणा की आलोचना की. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने दावा किया कि ‘‘एक राष्ट्र एक चुनाव’’ (ओएनओई) विधानमंडलों के कार्यकाल के साथ छेड़छाड़ करके लोकतंत्र को कमजोर करेगा और लोगों के अधिकारों का हनन करेगा.
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सहयोगी ने हैरानी जताई कि क्या दो चुनावों के बीच पांच साल का अंतराल निर्वाचित प्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही को कमजोर करेगा? उच्चस्तरीय कोविंद समिति के सचिव आईएएस अधिकारी नितेन चंद्रा ने भी समिति के साथ अपने विचार साझा किये.
अवस्थी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से होने वाली बचत और विकास को बढ़ावा मिलने के लाभों के बारे में विस्तार से बताया. वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस के पूर्व सांसद ई.एम. सुदर्शन नचियप्पन, भी समिति के समक्ष अपने विचार साझा करेंगे. नचियप्पन ने 2015 में एक साथ चुनाव कराने की वकालत करने वाली संसदीय समिति की अध्यक्षता की थी.