दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

एक देश एक चुनाव : संयुक्त संसदीय समिति के सामने कानूनी पक्षों पर विचार - ONE NATION ONE ELECTION

विधि विशेषज्ञ ‘एक देश एक चुनाव’ पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए.

UU Lalit, Ex CJI
यूयू ललित, पूर्व मुख्य न्यायाधीश (IANS)

By PTI

Published : Feb 25, 2025, 6:11 PM IST

नई दिल्ली : भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और भारतीय विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी दो विधेयकों का अध्ययन कर रही संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष मंगलवार को अपने विचार साझा किये. समिति ने विशेषज्ञों और हितधारकों से परामर्श करना शुरू कर दिया है.

सूत्रों ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने इस अवधारणा की आलोचना की. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने दावा किया कि ‘‘एक राष्ट्र एक चुनाव’’ (ओएनओई) विधानमंडलों के कार्यकाल के साथ छेड़छाड़ करके लोकतंत्र को कमजोर करेगा और लोगों के अधिकारों का हनन करेगा.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सहयोगी ने हैरानी जताई कि क्या दो चुनावों के बीच पांच साल का अंतराल निर्वाचित प्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही को कमजोर करेगा? उच्चस्तरीय कोविंद समिति के सचिव आईएएस अधिकारी नितेन चंद्रा ने भी समिति के साथ अपने विचार साझा किये.

अवस्थी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से होने वाली बचत और विकास को बढ़ावा मिलने के लाभों के बारे में विस्तार से बताया. वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस के पूर्व सांसद ई.एम. सुदर्शन नचियप्पन, भी समिति के समक्ष अपने विचार साझा करेंगे. नचियप्पन ने 2015 में एक साथ चुनाव कराने की वकालत करने वाली संसदीय समिति की अध्यक्षता की थी.

पच्चीस फरवरी की बैठक के लिए संसदीय समिति के एजेंडे को संक्षेप में ‘‘कानूनी विशेषज्ञों के साथ बातचीत’’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में मोदी सरकार ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था और इसने अपनी रिपोर्ट में इस अवधारणा का जोरदार समर्थन किया था.

इसके बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और सरकार ने लोकसभा में दो विधेयक पेश किये, जिनमें से एक संविधान संशोधन विधेयक भी था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद एवं पूर्व कानून मंत्री पी पी चौधरी की अध्यक्षता में 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति गठित की थी.

संसदीय समिति ने मंगलवार की बैठक को छोड़कर अब तक दो बैठकें की हैं, जिनमें अपने एजेंडे का व्यापक विवरण तैयार किया है और परामर्श के लिए हितधारकों और विशेषज्ञों की सूची दी गई है.

ये भी पढ़ें : ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर जारी बहस को आगे बढ़ाएं युवा, उनके भविष्य से जुड़ा है यह विषय: मोदी

ABOUT THE AUTHOR

...view details