केदारनाथ: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान और पौराणिक परंपराओं के साथ ग्रीष्मकाल के छह माह के लिये खोल दिये गये हैं. केदारनाथ धाम के रावल भीमा शंकर लिंग और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में मुख्य मंदिर के कपाट खोले गये. कपाट खुलने के हजारों भक्त भी साक्षी बने. वहीं श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कुछ दूर से ही करेंगे.
हिमालय पर बसे ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट आज प्रात: सवा सात बजे वृष लग्न में खोले गये. प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, रावल भीमा शंकर लिंग, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, पुजारी, धर्माचार्य, वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी एवं जिलाधिकारी डाॅ सौरभ गहरवार के साथ प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गए. इसके बाद रावल, धर्माचार्य एवं पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की और भगवान भैरवनाथ के साथ भगवान शिव का आह्वान कर ठीक सवा सात बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए.
कपाट खुलने के बाद बाबा केदार के स्वयं भू लिंग को कपाट बंद होने के समय दी गई समाधि को हटाया गया. फिर केदारनाथ की पूजा-अर्चना की गई. अब आगामी छह माह तक आम भक्त भी केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकते हैं. कपाट खुलने के मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी केदारनाथ धाम में मौजूद रहे. कपाट खुलने के दौरान भक्तों को मंदिर से कुछ दूर रोका गया था. कपाट खुलने के लगभग आधा घंटे बाद भक्तों को दर्शन करने के लिये भेजा गया.