मेरठ :'अश्वगंधा और हल्दी के अंदर ऐसे कंपाउंड हैं कि इनके सेवन से मंकी पॉक्स (एम पॉक्स) जैसी बीमारी ठीक हो सकती है. पहले से इनका प्रयोग कर एम पॉक्स से बचा जा सकता है. हल्दी प्राचीन समय से ही भोजन का एक प्रमुख अंग रहा है. यह डायबीटीज से बचाता है. स्किन संबंधी समस्याओं से भी निजात दिलाता है. यह लीवर के लिए भी लाभदायक है. दुनिया की 900 चिकित्सीय विधाओं को हमने 2200 भाषाओं में संग्रह करने का काम किया'.
यह कहना है पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष और योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण का. वह शनिवार को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के लाभ भी बताए. कहा कि अगर किसी को खांसी हो जाए तो शहद में मिलाकर हल्दी का उपयोग करने से खांसी में राहत मिलती है. मसूड़ों में समस्या हो जाए या अन्य किसी तरह का इंफेक्शन हो जाए तो सरसों का तेल सेंधा नमक और हल्दी के साथ मिलाकर उपयोग करने से समस्या समाप्त हो जाती है.
ऋषि-मुनियों की विरासत पर करें गर्व :उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों की विरासत पर हमें गर्व करना चाहिए. अगर भारत को विश्वगुरु बनाना है तो यह योग और आयुर्वेद पद्धति से ही संभव है. ऐसा ज्ञान दुनिया में किसी भी देश के पास नहीं है. आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि दुनिया में 900 से ज्यादा चिकित्सा विधाएं हैं, दो हजार से ज्यादा जनजातियां हैं, उन सभी की विधाओं को 50 से अधिक वॉल्यूम में दुनिया की लगभग 2200 भाषाओं में संग्रह करने का कार्य हमको मिला. पतंजलि की टीम ने इस बड़े कार्य को किया.