बेंगलुरु: गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि 'कर्नाटक में विपक्षी दलों भाजपा और जेडीएस द्वारा की जा रही बेंगलुरु-मैसूर पदयात्रा को अभी तक कोई आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई है. लेकिन अगर वे बिना किसी को परेशान किए पदयात्रा करना चाहते हैं, तो करें.' भाजपा और जेडीएस नेताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ सुनाई गई शिकायतों के खिलाफ 3 अगस्त से बेंगलुरु से मैसूर तक एक सप्ताह की पदयात्रा करने की योजना बनाई है.
विपक्षी दलों ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि के आवंटन में अवैधता के कारण मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे और कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में अवैधता की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पदयात्रा करने का फैसला किया है.
बेंगलुरू के सदाशिवनगर में अपने आवास के पास बोलते हुए परमेश्वर ने कहा कि 'बीजेपी ने पहले हमारी पदयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी थी. फिर भी हमने अनुमति दी और वे भी ऐसा कर सकते हैं. लेकिन सरकार ने बीजेपी-जेडीएस पदयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी. आधिकारिक तौर पर, हमारा पुलिस विभाग इसकी अनुमति नहीं देता है. यह पदयात्रा को नहीं रोकता है.'
उन्होंने कहा कि 'अगर अनुमति दी जाती है, तो कानूनी समस्याएं होंगी. लेकिन लोगों को परेशान किए बिना पदयात्रा आयोजित की जानी चाहिए. हम पदयात्रा के लिए कोई भी व्यवस्था करेंगे.'
क्या बोले सीएम सिद्धारमैया: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि 'भाजपा MUDA घोटाले के मुद्दे पर ब्लैकमेल की रणनीति पर काम कर रही है. वे एक गैर-मौजूद घोटाला खड़ा कर रहे हैं.' मैसूरु में सोमवार को सरकारी गेस्ट हाउस में मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि 'बीजेपी के पास कोई विचारधारा नहीं है. वे कभी न्याय के पक्ष में नहीं रहे. हमने पहले ही MUDA घोटाले की न्यायिक जांच के लिए कहा है. इससे ज्यादा और क्या चाहिए.'