नई दिल्ली:पतंजलि आयुर्वेद की ओर से आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कई बीमारियों के स्थायी इलाज का दावा करने वाले भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बिना शर्त माफी मांगी है. शीर्ष अदालत ने अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने पर बाबा रामदेव और बालकृष्ण दोनों को 2 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.
बालकृष्ण द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया, 'प्रतिवादी संख्या की ओर से गवाही देने वाला 5 (पतंजलि आयुर्वेद) इस अदालत के समक्ष बिना शर्त माफी मांगता है. अभिसाक्षी यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किए जाएं.' बालकृष्ण ने तर्क दिया कि कंपनी का इरादा केवल देश के नागरिकों को पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों का उपयोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना था, जिसमें आयुर्वेदिक अनुसंधान द्वारा पूरक और समर्थित सदियों पुराने साहित्य और सामग्रियों के उपयोग के माध्यम से जीवनशैली संबंधी बीमारियों के उत्पाद भी शामिल थे.
हलफनामे में विनम्रतापूर्वक कहा गया कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 की अनुसूची जे, ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1955 के साथ पढ़ी गई जो पुरानी स्थिति में है और अंतिम परिवर्तन 1966 में किए गए थे.'
बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद के पास अब आयुर्वेद में किए गए नैदानिक अनुसंधान के साथ साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक डेटा है, जो रोगों के संदर्भ में वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से हुई प्रगति को प्रदर्शित करेगा. गवाह की एकमात्र खोज प्रत्येक नागरिक के लिए बेहतर, स्वस्थ जीवन और आयुर्वेद और योग के सदियों पुराने पारंपरिक दृष्टिकोण का उपयोग करके जीवन शैली से संबंधित चिकित्सा जटिलताओं के लिए समग्र, साक्ष्य आधारित समाधान प्रदान करके देश के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे पर बोझ को कम करना है.
शीर्ष अदालत ने 19 मार्च को पारित अपने आदेश में कहा, 'इसके अलावा 21 नवंबर 2023 को इस न्यायालय को दिए गए वचन के तहत प्रतिवादी नंबर 5 (पतंजलि) द्वारा जारी किए गए विज्ञापनों को देखने के बाद और यह देखने पर कि उक्त विज्ञापन बाबा रामदेव द्वारा किए गए समर्थन को दर्शाते हैं. यह बताने के लिए नोटिस जारी करना उचित समझा जाएगा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि इस न्यायालय की प्रथम दृष्टया राय है कि उन्होंने भी ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) की धारा 3 और 4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कई बीमारियों के स्थायी इलाज का दावा करने वाले पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों पर बाबा रामदेव के खिलाफ अवमानना कार्यवाही में कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल करने में विफल रहने पर अदालत में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश दिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह केवल कारण बताने के लिए दिया गया नोटिस है और इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है.