गोलाघाट/गुवाहाटी: भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित असम प्राकृतिक सौंदर्य से भरा पूराखूबसूरत राज्य है. यह अपनी चाय के बागानों, वन्यजीव अभयारण्यों और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है. खबर यह है कि, असम के लिए साल 2025 की शुरुआत सकारात्म रही. लगभग चार दशकों तक उग्रवाद के खिलाफ संघर्ष करने वाले इस राज्य को न्यूयॉर्क टाइम्स ने '2025 में घूमने लायक 52 जगहों' में चौथे स्थान पर रखा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की सूची में जेन ऑस्टेन का इंग्लैंड, इक्वाडोर का गैलापागोस द्वीप और न्यूयॉर्क सिटी म्यूजियम को क्रम अनुसार पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रखा गया है. म्यांमार और बांग्लादेश की सीमाओं के पास एक पहाड़ी राज्य असम लंबे समय से पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार रहा है, जो एक सुदूर, सांस्कृतिक रूप से अलग और तुलनात्मक रूप से भीड़-भाड़ से मुक्त क्षेत्र है. असम देश की मुख्य भूमि से एक धागे की तरह जुड़ा हुआ है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की सूची असम
अब, इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय मान्यता और अधिक पहुंच दोनों मिल रही है. 2024 में, चराइदेव मोइदम या असम के पिरामिड को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में अंकित किया गया. ये प्राचीन दफन टीले, 13वीं और 19वीं शताब्दी के बीच अहोम राजवंश के दौरान निर्मित ये मंदिर इस क्षेत्र की शाही विरासत और आध्यात्मिक सार की एक अनूठी झलक पेश करते हैं. पर्यटक असम के विश्व प्रसिद्ध चाय बागानों और काजीरंगा नेशनल पार्क की यात्रा भी कर सकते हैं, जहां लुप्तप्राय एक सींग वाले गैंडे पाए जा सकते हैं.
घूमने लायक जगहों में असम चौथे नंबर पर
असम में नई सड़कों सहित बेहतर बुनियादी ढांचा वहां पहुंचना और भी आसान बनाता है.न्यूयॉर्क टाइम्स की लिस्ट में असम के बारे में लिखा गया है, असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी को सेवा प्रदान करने वाले हवाई अड्डे का 2025 में एक बड़ा विस्तार किया जाएगा, जिससे इसकी क्षमता चौगुनी हो जाएगी और यह पूरे क्षेत्र में मजबूत संपर्क स्थापित करने में सक्षम होगा.
असम का काजीरंगा नेशनल पार्क
असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जबकि अहोम युग के दफन टीले चराईदेउ मोइदम को पिछले साल ही यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला है. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान दुनिया की सबसे बड़ी एक सींग वाले गैंडों की आबादी का घर है, जबकि चराईदेउ में मोइदम मूल रूप से अहोम राजाओं और अहोम राजघराने के सदस्यों के दफन टीले हैं.