अमरावती:गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) ने तिरुमाला में श्रीवारी लड्डू प्रसादम और अन्न प्रसादम की तैयारी में इस्तेमाल होने वाली आवश्यक वस्तुओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 70 लाख रुपये की कीमत के दो अत्याधुनिक लेबोरेटरी इंस्ट्रूमेंट डिलीवर किए हैं.
एडवांस एक्विपमेंट में गैस क्रोमैटोग्राफी (GC) और हाई-परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी (HPLC) सिस्टम शामिल हैं. ये इक्विपमेंट घी और अन्य आवश्यक वस्तुओं में मिलावट का पता लगाने, फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड रेगूलेशन (FSSR) के साथ उनके कंप्लायंस की पुष्टि करने में मदद करेंगे.
बैकग्राउंड और अपग्रेडेशन की आवश्यकता
श्रीवारी लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल किए जाने वाले घी की गुणवत्ता को लेकर खासकर पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान चिंताएं सामने आई थीं. इसको लेकर लोगों की भौंहें चढ़ गई थीं. मिलावट के आरोपों ने गठबंधन सरकार को कड़े गुणवत्ता नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए प्रेरित किया है.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के EO श्यामला राव के अनुसार तिरुमाला में मिलावट का पता लगाने के लिए उचित प्रयोगशाला का अभाव था, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता थी. इसे पहचानते हुए एनडीडीबी ने प्रसादम की पवित्रता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तिरुमाला को आधुनिक परीक्षण सुविधाओं से लैस करने के लिए आगे कदम बढ़ाया.
जीसी और एचपीएलसी की एडवांस टेस्टिंग
गैस क्रोमैटोग्राफी और हाई-परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी सिस्टम अत्याधुनिक तकनीकें हैं, जो खाद्य उत्पादों में अशुद्धियों की पहचान करने और उनकी मात्रा निर्धारित करने में सक्षम हैं. ये इक्विपमेंट मिलावट का सटीक पता लगाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि घी और अन्य सामग्री कड़े गुणवत्ता मानकों को पूरा करती है.
भक्तों के लिए शुद्धता सुनिश्चित करना
इन तकनीकों की शुरूआत भगवान वेंकटेश्वर और उनके भक्तों को दिए जाने वाले प्रसाद की तैयारी में उच्चतम मानकों को बनाए रखने की टीटीडी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है. इन उपायों से भक्त अब तिरुमाला में परोसे जाने वाले भोजन की शुद्धता और गुणवत्ता पर अधिक भरोसा कर सकते हैं.
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