भोपाल: एमपी के तवा जलाशय को भी अब रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है. जिसके बाद प्रदेश में रामसर साइटों की संख्या 5 हो गई है. इससे पहले एमपी में भोपाल के बड़ा तालाब, इंदौर के सिरपुर और यशवंत सागर लेक व शिवपुरी के सांख्य तालाब को रामसर साइट घोषित किया जा चुका है. तवा जलाशय की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और एमपी के सीएम डा. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बधाई दी है.
रामसर साइट बनने से ये होता है फायदा
पर्यावरणविद डॉ. सुभाष सी पांडे ने 'बताया कि रामसर साइट के रूप में नामित के बाद जलाशय के प्रबंधन और संरक्षण में बहुत अंतर आता है. रामसर साइट होने से यह सुनिश्चित होता है कि प्रबंधन प्रथाओं में बदलाव के माध्यम से आर्द्रभूमि की सख्त निगरानी की जाती है. तवा जलाशय के सामसर साइट बनने से इसे अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी, अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे और भूमि को अन्य उद्देश्यों के लिए नहीं बदला जाएगा. अधिक वैज्ञानिक प्रबंधन प्रथाओं को नियोजित किया जाएगा, ताकि सूक्ष्म आवासों की विविधता - जैसे निचले घास के मैदान, गहरे पानी की जेबें, कीचड़, खारे पानी के क्षेत्र और चौनल - को बनाए रखा जा सके.'
क्या होती है रामसर साइट
नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड कहा जाता है. दरअसल, वेटलैंड्स वैसे क्षेत्र हैं, जहां भरपूर नमी पाई जाती है और इसके कई लाभ भी हैं. आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है. आर्द्र भूमि वह क्षेत्र है, जो साल भर आंशिक रूप से या पूरी तरह पानी से भरा रहता है. रामसर साईट नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को सहेजने, संरक्षित करने और उसकी अहमियत को बताने के लिए एक तरह की अंतरराष्ट्रीय अधिमान्यता है. इसे वेटलैंड्स पर कन्वेंशन के रूप में भी जाना जाता है. इसका नाम ईरान के 'रामसर' शहर के नाम पर रखा गया है. जहां 1971 में (वेटलैंड कन्वेंशन) आर्द्रभूमि सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए गए थे. जिस पर 1975 से 172 देशों ने अमल करने का आश्वासन दिया.
धरती में किडनी की तरह काम करते हैं वेटलैंड
बता दें कि वेटलैंड्स विशिष्ट पारिस्थितिक तंत्र हैं, जो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से छोटी अवधि के लिए पानी से भर जाते हैं, या संतृप्त होते हैं. हमारी अधिकांश ताजे पानी की जरूरतें प्रदान करते हैं. यह धरती के लिए किडनी की तरह कार्य करते हैं, जो पानी को नियंत्रित करते हैं और परिदृश्य से अपशिष्ट को फिल्टर करते हैं. वेटलैंड जैव विविधता के जलाशय हैं, जो मानवता और प्रकृति के पनपने के लिए महत्त्वपूर्ण है.