बेंगलुरु: बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के यात्री किराए में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि किए जाने की संभावना है.मीडिया रिपोर्टों के अनुसार BMRCL यात्री किराए में 40 से 45 प्रतिशत की वृद्धि करने की योजना बना रहा है. हाल ही में कर्नाटक सरकार ने बस किराए में 15 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक यह निर्णय सरकार द्वारा नियुक्त किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों के बाद लिया गया है, जिसने हाल ही में बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) बोर्ड को अपनी फाइंडिग पेश की हैं.
तीन सदस्यीय किराया निर्धारण समिति -में जस्टिस (रिटायर) आर थरानी, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सतिंदर पाल सिंह और कर्नाटक के आईएएस अधिकारी (रिटायर) ईवी रमना रेड्डी शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार समिति ने वेतन वृद्धि की सिफारिश करने से पहले विभिन्न फैक्टर्स का विश्लेषण किया. अक्टूबर 2024 के दौरान जनता से प्रतिक्रिया मांगी गई थी और अंतिम रिपोर्ट पिछले सप्ताह पेश की गई. बीएमआरसीएल बोर्ड 17 जनवरी को प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है.
कितना हो जाएगा किराया?
रिवाइस फेयर स्ट्रेक्चर के तहत बेस किराया बढ़कर 15 रुपये हो जाएगा, जबकि अधिकतम किराया मौजूदा 60 रुपये से बढ़कर 85 रुपये हो जाएगा. यात्रियों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए, ऑफ-पीक घंटों और रविवार के दौरान अतिरिक्त छूट उपलब्ध कराई जाएगी.इसके अलावा स्मार्टकार्ड और क्यूआर कोड टिकट यूजर्स के लिए 5 प्रतिशत की नियमित छूट जारी रहेगी.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मेट्रो रेलवे (संचालन और रखरखाव) अधिनियम, 2002 के अनुसार नए किराए जनवरी के अंत तक प्रभावी होने की उम्मीद है. इससे पहले 2017 में आखिरी बार किराए में बढ़ोतरी की गई थी. उस समय किराए में केवल 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
किराए में बढ़ोतरी का कारण
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली के खर्च और पुराने बुनियादी ढांचे सहित परिचालन और रखरखाव की बढ़ती लागत इस निर्णय को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक है. मेट्रो की मरम्मत और महंगे स्पेयर पार्ट्स की आवश्यकता के कारण अकेले मैनेटेनेंस की लागत में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
बस किराए में बढ़ोतरी
इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन निगमों में बस किराए में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला किया था. कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने कहा कि ईंधन की कीमतों और कर्मचारियों पर खर्च में वृद्धि जैसे परिचालन लागत में भारी वृद्धि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
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