भोपाल।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ईवीएम को लेकर फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'इस देश में केवल बीजेपी और चुनाव आयोग ईवीएम (EVM) के समर्थक हैं, बाकी कोई नहीं.' राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के ठीक पहले ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कांग्रेस से बीजेपी की तरफ लगी दौड़ पर उन्होंने कहा कि 'ये मेरे लिए कोई नई बात नहीं है. 1977 में भी ऐसी ही दौड़ लगी थी. उन्होंने कहा कि 1977 में मुझे भी आकर्षण हुआ था, कि जनता पार्टी में चला जाऊं, लेकिन मैं रह गया और पुराने कांग्रेसी चले गए.'
दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'जो राजनीति में पद और सत्ता के लिए है, वो किसी की भी सरकार होगी, वह चला जाएगा. दिग्विजय ने कहा कि मध्य प्रदेश में इंटर कर रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा का कोई चुनावी मकसद नहीं है. ये लोगों को जागरुक करने के लिए निकाली गई यात्रा है.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा चुनावी नहीं
मध्य प्रदेश में एंट्री ले रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि 'ये भारत जोड़ो न्याय यात्रा चुनावी नहीं है. इसका मकसद लोगों को जागृत करना है. पहले भारत जोड़ो यात्रा जो थी, उसका उद्देश्य भाईचारा, प्रेम और सद्भाव था. अब जो ये पूर्व से पश्चिम की यात्रा है, ये न्याय यात्रा है. इसमें पांच बिंदू हैं. एक किसान को न्याय, मजदूर को न्याय, युवा को न्याय, महिलाओं को न्याय और उसमें सबकी भागीदारी. इन पांच उद्देश्यों के साथ भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकली है. उन्होंने कहा कि हमें सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है. जो भी विषय आते हैं, अलग-अलग विषय के डेलीगेशन के साथ राहुल गांधी चर्चा करते हैं. जैसे अग्निवीर से चर्चा ग्वालियर में करेंगे. आदिवासी सहरिया कम्यूनिटी बेरोजगारों से अलग-अलग चर्चा कर रहे हैं.'
77 में भी लग चुकी है सत्ता के लिए ऐसी दौड़
कांग्रेस से बीजेपी की तरफ लगी दौड़ पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'ये कोई नई प्रक्रिया नई घटना मेरे लिए नहीं है. 1977 में भी बड़े-बड़े लोग कांग्रेस छोड़कर जा रहे थे. तीन साल बाद कांग्रेस की सरकार आ गई, सब वापिस आ गए. मुद्दा ये है कि जो रानजीति में पद के लिए और सत्ता के लिए है, वो हमेशा जिसकी सरकार होगी चला जाएगा. जो विचारधारा के लिए है, एक आइडिलोजिकल कमिटमेंट के साथ लड़ाई लड़ रहा है. वो कुर्सी और सत्ता के साथ नहीं जाता.
पूर्व सीएम ने कहा कि 1977 में मैंने खुद चुनाव लड़ा. जनता लहर में मैं चुनाव जीत कर आया. मुझे भी आकर्षण था कि मैं भी जनता पार्टी में चला जाऊं. मैं रहा. जो पुराने कांग्रेसी थे, वो जनता पार्टी में चले गए. 1977 के वोटिंग के तीन दिन पहले, लेकिन जब हमारी सरकार 1980 में बन गई, सब वापिस चले आए. सत्ता लोलुप, पद लोलुप लोगों के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. कांग्रेस की जो मूल जड़ है, वो इधर-उधर नहीं होता है.
400 के दावे की तरह इंडिया शाइनिंग का माहौल था
बीजेपी के 400 पार के दावे पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'इंडिया शाइनिंग भी इसी तरह का था. पूरी मीडिया अटल जी, थर्ड टर्म दे रही थी. लेकिन हुआ क्या मनमोहन सिंह पीएम बनें. उन्होंने सफलता के साथ दस साल तक काम किया. गरीबों के खिलाफ, राइट्स के खिलाफ कई कानून बनाए. इकॉनामी में सुधार किया. इन्वेस्टमेंट आए. बेरोजगारी बहुत हद तक हल हुई थी. मुझे लगता है कि निराशा की कोई बात नहीं है.