रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तराखंड में आज से चारधाम यात्रा 2024 का आगाज हो चुका है. आज यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खोले गए. पहले दिन ही चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह दिखा. तीनों धामों को श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. यही वजह है कि पहले दिन 36 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने तीन धाम के दर्शन किए.
यमुनोत्री धाम में पहले दिन श्रद्धालुओं की संख्या:बता दें कि 10 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए. इस दौरान दोनों धामों में आस्था का सैलाब देखने को मिला. अगर श्रद्धालुओं की संख्या की बात करें तो आज यमुनोत्री धाम में 12,193 श्रद्धालु पहुंचे. जिसमें 6,179 पुरुष, 5797 महिला और 217 बच्चे शामिल रहे.
यमुनोत्री धाम (फोटो- ईटीवी भारत) गंगोत्री धाम में पहले दिन श्रद्धालुओं की संख्या:इसके अलावा गंगोत्री धाम में 2,203 श्रद्धालुपहले दिनदर्शन करने पहुंचे. जिसमें 1,293 पुरुष, 809 महिला और 101 बच्चे शामिल रहे. वहीं, गंगोत्री से गोमुख ट्रेक पर जाने वालों की बात करें तो अभी तक 616 लोग जा चुके हैं. आज 53 भारतीय और 5 विदेशी सैलानी गोमुख ट्रेक पर गए.
गंगोत्री धाम (फोटो- ईटीवी भारत) केदारनाथ धाम में पहले दिन श्रद्धालुओं की संख्या:केदारनाथ धाम के कपाट भी 10 मई को ही खोले गए. केदारनाथ धाम में तोश्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. यही वजह है कि पहले दिन हीश्रद्धालुओं का आंकड़ा 22 हजार पार कर गया. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार केदारनाथ में यात्रियों की संख्या नया रिकॉर्ड बनाएगी.
केदारनाथ धाम (फोटो- ईटीवी भारत) 12 मई बदरीनाथ तो 25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट:बता दें कि 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. जबकि, सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाने हैं. जिसे लेकर पुरजोर तैयारियां की जा रही है.
केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन समाप्त:विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर भी तीर्थ पुरोहितों ने केदारपुरी को बंद रखा, लेकिन शाम होते ही पुरोहितों ने बंद को समाप्त कर दिया. बंद समाप्त होने के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का संचालन के साथ ही सभी दुकानें, होटल, लाॅज आदि खुल गए. जिससे यात्रियों को भी सुविधा मिलने लग गई.
केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का कहना था कि केदारनाथ धाम में निर्माण को लेकर तोड़ फोड़ किए जाने के साथ ही अन्य समस्याओं को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश बना था. प्रशासन से सफल वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई है, जिसके बाद सभी व्यापारी, तीर्थ पुरोहित और अन्य लोग अपने-अपने कार्यों में लौट गए हैं.
रुद्रप्रयाग डीएम सौरभ गहरवार ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों ने अपने भवन और भवनों के मुआवजे को लेकर बंद किया था. तीर्थ पुरोहितों से लगातार वार्ता चल रही थी, वार्ता सफल रही. इसी तरह से घोड़े-खच्चर संचालक भी रास्ता सही होने आदि की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे थे. शाम तक उनकी हड़ताल भी समाप्त हो गई और यात्रा विधिवत सुचारू है.
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