भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के आदेश दिए हैं. मोहन सरकार के इस आदेश पर अब सियासत तेज हो चुकी है. सरकार के इस आदेश को कांग्रेस ने शिक्षा का धर्मांतरण बताया, तो प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उसका जवाब दिया. सीएम मोहन यादवने कहा कि "भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, इसलिए हम उनका जन्म दिवस धूमधाम से मनाते हैं. अगर आपत्ति है, तो कांग्रेस मथुरा जाना छोड़ दें, खुलकर मना करे."
सीएम ने कहा 'भगवान कृष्ण ने 5 हजार साल पहले शिक्षा की महत्ता बताई थी. भगवान कृष्ण मथुरा से उज्जैन शिक्षा ग्रहण करने आए थे. इससे अच्छा सौभाग्यशाली समय कब रहेगा? गरीब-अमीर की दोस्ती का सबसे बड़ा उदाहरण नारायण धाम पर कृष्ण-सुदामा की दोस्ती है. भगवान कृष्ण की वीरता के प्रतीक के स्थान को सामने लाने में क्या गलत है?" उन्होंने कहा कि "जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के स्थानों को स्मरण नहीं करेंगे तो फिर मथुरा को क्यों स्मरण करते हैं? मथुरा में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाने पर कांग्रेस के लोग मथुरा जाना छोड़ देंगे? यह अश्रद्धा करना है, अटपटी बातें करना है."
26 अगस्त को सभी स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का आदेश
मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को सभी डिविजनल कमिश्नर और जिला कलेक्टरों को एक आदेश जारी कर कहा था कि 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हर जिले स्थित कृष्ण मंदिरों की साफ-सफाई की जाए और वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. इसके अलावा सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज में कृष्ण की शिक्षा, मित्रता और जीवन दर्शन को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाए.
जन्माष्टमी मनाने के सरकारी आदेश पर कांग्रेस की आपत्ति
सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने ऐतराज जताते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान शिक्षा का केंद्र हैं और इसे केवल शिक्षा के लिए ही रहने देना चाहिए. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि "उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद करने के पीछे क्यों लगी हुई है. धार्मिक कार्यक्रम के दिन स्कूल कॉलेजों में छुट्टी होती है और सभी धर्म के लोग इस दिन को अपने तरीके से मनाते हैं. एक तरफ आप शिक्षण संस्थानों में जन्माष्टमी को अनिवार्य बताते हैं और दूसरे तरफ हमारे मदरसों पर सवाल उठाते हैं."