रांचीः इंडियन नेवी की टीम ने सरायकेला के चांडिल डैम से ट्रेनी एयरक्राफ्ट का मलबा निकाल लिया है. नेवी की टीम को 6 दिन लगे लापता विमान को ढूढने में. 20 अगस्त को जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से यह ट्रेनिंग विमान उड़ा था. उसके कुछ समय बाद ही लापता हो गया था. विमान में सवार दोनों पायलट की मौत हो चुकी है.
बता दें कि जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद, यह विमान लापता हो गया था. कैप्टन जीत शत्रु आनंद और ट्रेनी पायलट सुब्रोदीप दत्ता ने इस विमान में उड़ान भरी थी. एक स्थानीय शक्स ने विमान के सरायकेला डैम में गिरने की सूचना दी थी. उसके बाद से ही विमान की खोजबीन हो रही थी. 6 दिन बाद सोमवार की शाम इंडियन नेवी की टीम ने समुद्री बचाव बैग की मदद से एयरक्राफ्ट के मलबे को बाहर निकाला.
इससे पहले सरायकेला जिला प्रशासन की पहल पर 21 अगस्त को एनडीआरएफ की टीम कप्तान और ट्रेनी पायलट की खोजबीन में जुटी थी. 22 अगस्त को दोनों का शव बरामद हुआ था. ट्रेनी एयरक्राफ्ट 'Cessna 152 'की तलाश के लिए नेवी की टीम को बुलाया गया था. यह टीम विशाखापट्टनम से आई थी. इस हादसे में जान गंवाने वाले कैप्टन जीत शत्रु आनंद मूल रुप से पटना के जक्कनपुर थाना क्षेत्र में मीठापुर पुरेंदरपुर गांव के निवासी थे. उनकी उम्र सिर्फ 30 साल थी. वहीं ट्रेनिंग ले रहे सुब्रोदीप दत्ता आदित्यपुर में रहते थे.
इस मामले में एलकेमिस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड पर कैप्टन के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि 20 अगस्त को सुबह के वक्त विमान का एटीएस से संपर्क टूटा था, लेकिन एविएशन प्रबंधन ने घंटों बाद इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी थी.