सिरोही: राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मुख्यालय शांतिवन के आनंद सरोवर परिसर में मेडिकल विंग के 49वें माइंड-बॉडी-मेडिसिन तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देशभर से एक हजार से अधिक आयुर्वेद के डॉक्टर, वैद्य और शोधार्थी भाग ले रहे हैं. शनिवार को शुभारंभ के मौके पर हरिद्वार से आए पतंजलि आयुर्वेद के एमडी व सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम किसी पैथी के विरोधी नहीं हैं, जो लूट-खसोट करेगा, हम उसके विरोधी हैं. फिर वह चाहे आयुर्वेद वाला ही क्यों न हो. जब एक रोगी हमारे पास आता है तो वह हमें भगवान के भाव से देखता है, लेकिन यदि हमारे मन में यदि लूट और पैसे कमाने का भाव होगा, तो इससे बड़ा पाप नहीं है. जो सच्चे और ईमानदार चिकित्सक हैं, उनके साथ हम सर्वदा खड़े हैं, चाहे वह किसी भी पैथी के हों.
बालकृष्ण ने कहा कि आज लोभ इतना हावी हो गया है कि पहले बीमार किया जाता है फिर इलाज करते हैं. कोरोना के समय डर के कारण हजारों महिलाओं की डिलीवरी नॉर्मल हो गई. अब सब सामान्य हो गया है, तो फिर से लोगों का धंधा शुरू हो गया है. हम लोगों ने अभी निदान के संदर्भ में 2600 श्लोकों का 18 छंदों में नई ग्रंथ की रचना की है. 1500-1600 वर्ष पूर्व निदान का ग्रंथ था. पहले के निदान के ग्रंथों में 225 के आसपास रोगों का वर्णन है, लेकिन हम लोगों ने 500 रोगों का वर्णन किया है.