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प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंचे मीका सिंह, आंतरिक सुख और आनंद प्राप्त करने के सवाल पर संत ने दिया ये जबाव - Mika Singh Meet Premanand Maharaj

वृंदावन पहुंचकर प्रसिद्ध सिंगर मीका सिंह ने पहले बांके बिहारी के मंदिर में मत्था टेका उसके बाद सीधे पहुंच गए संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में. जहां उन्होंने सवाल किया कि, जहां वह रहते हैं जो वह गाते हैं वह भगवतिक क्षेत्र नहीं है, वह अपने आप को भगवतिक मतलब अच्छे विचार धारण करके के लिए क्या उपाय करें.

मीका से सवाल पर संत ने दिया अजब जबाव
मीका से सवाल पर संत ने दिया अजब जबाव (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 17, 2024, 9:05 PM IST

Updated : Aug 17, 2024, 9:29 PM IST

सिंगर मीका सिंह ने प्रेमानंद महाराज से लिया आशीर्वाद (Video Credit; ETV Bharat)

मथुरा: फेमस बॉलीवुड सिंगर मीका सिंह शनिवार को कान्हा की नगरी वृंदावन पहुंचे. जहां वह पूरे भक्ति भाव में राधे-कृष्ण की भक्ति में लीन नजर आए. मीका सिंह ने बांके बिहारी मंदिर में पहुंचकर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना किया. उसके बाद मीका ने प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन कर उनसे आध्यात्मिक चर्चा की. वहीं प्रेमानंद महाराज के कहने पर उन्होंने राधा नाम का भजन भी गया. प्रेमानंद महाराज के दरबार में वीवीआईपी भक्तों का हमेशा से तांता लगा रहता है.

वहीं प्रेमानंद महाराज ने दर्शन के दौरान मीका सिंह से कहा कि, हमारा जीवन धन राधा नाम है. अगर आपने सिर्फ राधा इतना बोल दिया. जितनी बार अपने वृंदावन में राधा राम बोला है तो यह हिसाब किताब काफी लंबा पड़ेगा, राधा नाम अमूल्य रत्न है, जीवन की सार्थकता लौकिक उन्नति यही रह जाएगी. जब शरीर छूटेगा तो आध्यात्मिक उन्नति श्रीजी का नाम प्रभु का नाम केवल यही साथ जाएगा, यहां का बैंक बैलेंस और यहां का नाम यही रह जाएगा. यह साथ नहीं जाएगा, साथ जाएगा तो राधा नाम साथ जाएगा.

मीका सिंह ने प्रेमानंद महाराज से सवाल किया कि हमारे भी अच्छे कर्म हो हम भी आंतरिक सुख की प्राप्ति करें, आनंद की प्राप्ति करें उसके लिए क्या उपाय किए जाएं. जिस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, मीका सिंह को बहुत ही सावधान रहने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि हमारा जैसा वातावरण होता है बाहरी संग जैसा होता है उसका प्रभाव हम पर पड़ता है. अधिकतर आजकल खानपान की कोई मर्यादा नहीं रह गई है और शारीरिक पवित्रता की भी कोई मर्यादा नहीं रह गई है. तो हमारे कर्म अच्छे हो हमारे विचार अच्छे हो तो यह बड़ी आश्चर्य जनक बात रह जाएगी. जब तक हमारा खान-पान शुद्ध नहीं होगा, हमारा चरित्र पवित्र नहीं होगा तब तक हमारे कर्म शुद्ध कैसे हो सकते हैं और आज कर्म शुद्ध होना बहुत कठिन विषय रह गया है, खराब विचार आना इसी को उन्नति मानी जा रही है कम से कम एक असत्य आचरण छोड़ने पर आप सत्य मार्ग की तरफ बढ़ रहे हैं.

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Last Updated : Aug 17, 2024, 9:29 PM IST

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