सूरत: गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद शहीद हुए भारतीय जवानों को देखकर सूरत के एक छात्र ने सेना की ताकत बढ़ाने का फैसला किया. मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र अर्थ चौधरी ने स्टार्टअप की शुरूआत की और एक ऐसी सिस्टम बनाई है जो निगरानी और गश्त के लिए हजारों किलोमीटर दूर ड्रोन उड़ा सकती है. जिसके जरिए 7000 किलोमीटर की दूरी से ड्रोन को ऑपरेट किया जा सकता है. फिलहाल ओमान, नीदरलैंड और बेंगलुरु में बैठे लोगों से इस सिस्टम के जरिए सूरत में ड्रोन ऑपरेट करते हुए दिखाया गया है.
अर्थ चौधरी केवल 24 साल के हैं. वहीं, जब वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में थे, तब उन्होंने गलवान में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प और भारतीय सैनिकों की शहादत के बारे में पढ़ा था. अर्थ का मानना था कि एक ऐसा सिस्टम बनाया जाना चाहिए जिससे सुरक्षा बलों को तकनीकी रूप से सुविधा हो और भविष्य में गलवान घाटी जैसी घटनाएं ना हों. चीन जिस तकनीकी सुविधा का उपयोग करता है, वह सुविधा और सुरक्षा भारतीय सेना को मिलनी चाहिए.
अर्थ चौधरी ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जिसके माध्यम से भारत में ड्रोन अब दूसरे देश से संचालित किए जा सकते हैं और भारत से ड्रोन दूसरे देश में संचालित किए जा सकते हैं. इस इंटरकंट्री ड्रोन ऑपरेशन सिस्टम के माध्यम से वर्तमान में सूरत में ड्रोन द्वारा बेंगलुरु, ओमान और नीदरलैंड में सिस्टम को कंट्रोल कर इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है. इस प्रणाली के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे स्थानों पर आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी, निरीक्षण, क्षेत्र की कल्पना और ट्रैकिंग भी की जा सकती है.