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कश्मीर तक ट्रेन चलने की मंजूरी, चार चरणों में पूरी की गई परियोजना - JAMMU KASHMIR

Indian Railways: रेलवे सुरक्षा आयुक्त कटरा-रियासी कॉरिडोर पर वाणिज्यिक ट्रेन परिचालन को मंजूरी दे दी है.

highway railway bridge over Chenab river in Reasi
रियासी में चिनाब नदी पर बना हाईवे रेलवे पुल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2025, 5:16 PM IST

श्रीनगर:भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम रेल ट्रैक के अंतिम चरण को कमर्शियल ओपरेशन के लिए मंजूरी मिल गई है, जो कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से रेल संपर्क स्थापित करने में मदद करेगा. यह भारतीय रेलवे के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है. ईटीवी भारत द्वारा प्राप्त सात पन्नों के प्राधिकरण दस्तावेज में रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने कुछ शर्तों के साथ कटरा-रियासी कॉरिडोर पर वाणिज्यिक ट्रेन परिचालन को मंजूरी दी है.

इसके बाद 7 और 8 जनवरी को कटरा में माता वैष्णो देवी से बनिहाल तक ट्रैक पर मोटर ट्रॉली/पैदल दो दिवसीय निरीक्षण और उसके बाद स्पीड ट्रायल किया जाएगा. संपूर्ण रेल परियोजना चार चरणों में पूरी की गई है, जिसमें उधमपुर-कटरा , बनिहाल-काजीगुंड , काजीगुंड-बारामुल्ला और कटरा-बनिहाल शामिल हैं.

चौथे चरण चुनौतीपूर्ण
चौथे चरण में 161 किलोमीटर लंबा खंड चालू हो चुका है, लेकिन भूकंपीय क्षेत्र 4 में आने वाला 111 किलोमीटर लंबा बनिहाल-कटरा कॉरिडोर कई चुनौतियां पेश कर रहा है, क्योंकि यह ऊबड़-खाबड़ हिमालय पर्वतों और गहरी घाटियों वाली व्यापक नदी प्रणाली से होकर गुजरता है.

नई दिल्ली उत्तरी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त दिनेश चंद देशवाल द्वारा स्वीकृत प्राधिकरण के अनुसार, ये ट्रेनें मुख्य लाइन पर 85 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी, जबकि टर्नआउट गति 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक सीमित रहेगी.

दोनों दिशाओं में स्पीड ट्रायल एक विशेष रूप से सुसज्जित निरीक्षण ट्रेन का उपयोग करके किया गया, जिसमें ओसिकिलेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (OMS) डिवाइस लगे थे और एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव द्वारा खींचा गया था.हालांकि, प्राधिकरण ने कुछ शर्तों पेश कीं, जिसमें गिट्टी रहित पटरियों की बारीकी से निगरानी और अन्य नई तकनीक वाले ट्रैक घटकों का छह महीने या 6 जीएमटी ट्रैफिक के गुजरने के बाद ओईएम के साथ संयुक्त रूप से गहन निरीक्षण शामिल है.

इसके अलावा सीआरएस ने रेलवे से कहा है कि वह मुख्य लाइन पर अधिकतम स्वीकार्य सेक्शनल गति 100 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए आयोग से संपर्क करे. इसमें प्राधिकरण पत्र में निर्धारित शर्तों का संतोषजनक अनुपालन, बीएलटी के बन्धन का पूर्ण निरीक्षण सुनिश्चित करना और इसके संतोषजनक प्रदर्शन का सार्टिपिकेशन, ट्रैक का निरीक्षण और पुल की वस्तुओं की कमी को पूरा करना शामिल है.

110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से परीक्षण
उन्होंने कहा, "सीटीई और संबंधित सीई/सीओएन द्वारा ओएमएस के साथ 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से परीक्षण किया जाएगा और आयोग को रिपोर्ट सौंपी जाएगी." इसने यह भी रेखांकित किया कि कटरा-रियासी-बनिहाल खंड जो दूरदराज और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों से होकर गुजरता है. इसमें कई सुरंगें और पुल हैं और यह सड़क मार्गों से कटा हुआ है. इसलिए, इसने रेलवे से आपातकालीन स्थितियों के लिए हेलीपैड बनाने को कहा.

स्पीड ट्रायल के दौरान सीआरएस ने पाया कि सुरंगों के अंदर काफी मात्रा में धूल मौजूद थी, जो अनहाइजीन और ट्रेन संचालन के लिए अनुपयुक्त है, जबकि यात्रियों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ परिस्थितियों के लिए ट्रेन संचालन शुरू करने से पहले इसकी मंजूरी मांगी गई थी.

रियासी-कटरा सेक्शन पूरा होने का ऐलान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने रियासी-कटरा सेक्शन के पूरा होने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जनवरी को जम्मू रेलवे डिवीजन का वर्चुअल उद्घाटन किया था. रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि वे परिचालन शुरू करने के लिए तैयार हैं और वे नई दिल्ली से मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं. रेलवे ने पहले ही इस खंड पर ट्रेनों के लिए शेड्यूल जारी कर दिया है. उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह एक बड़ा मील का पत्थर है. लेकिन प्राधिकरण पत्र में कुछ टिप्पणियां हैं. हम उनका भी पालन करेंगे. लेकिन अभी, हम ट्रेन चलाने के लिए अधिकृत हैं. केवल तारीख का इंतजार है."

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