हैदराबाद: महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन महायुति को बहुत बड़ी जीत मिलने के आसार साफ दिखने लगे हैं. हालांकि, अभी वोटों की गिनती जारी है. वैसे जो रुझान निकल कर सामने आ रहे हैं उसे देखकर तो यह लगता है कि, राज्य में बीजेपी और उनके सहयोगी की आंधी आ रही है.
अभी तक के प्राप्त रुझानों में महाराष्ट्र की 288 सीटों में से दो तिहाई सीटों पर महायुति गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है. महाराष्ट्र में महायुति की जीत की आंधी के पीछे बीजेपी ने इस बार राज्य में काफी प्रयोग किया और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचा. महाराष्ट्र में महायुति के जीत के पीछे कई कारण हैं.
माझी लड़की बहिन' योजना बनी गेम चेंजर ! (ETV Bharat) सीएम शिंदे का बयान
महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने चुनाव के रूझान पर कहा,'अंतिम नतीजे आने दीजिए... फिर, जैसे हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, उसी तरह तीनों पार्टियां एक साथ बैठेंगी और सीएम कौन होगा इस पर फैसला लिया जाएगा.
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए 'माझी लड़की बहिन' योजना लागू कर महिलाओं को इसका लाभ पहुंचाया. जिसकी वजह से महिलाओं की वोटिंग में काफी इजाफा हुआ. महाराष्ट्र में बीजेपी की आंधी को देखकर तो लग रहा है कि, महाराष्ट्र की महिलाओं ने महायुति पर भरोसा जताया है.
इस योजना को चुनाव से ज्यादा पहले लागू नहीं किया गया था. इसलिए यह चुनौती थी कि कैसे इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक पहुंचाया जाए. सरकार ने इस योजना को महिलाओं तक जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए काफी काम किया जिसकी वजह से राज्य में महिलाओं की वोटिंग में काफी इजाफा हुआ.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में माझी लड़की बहिन योजना बड़ा मुद्दा
सत्ताधारी महायुति ने अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान माझी लड़की बहिन योजना को चुनावी मुद्दा बनाकर इसका प्रचार किया था. सीएम एकनाथ शिंदे ने चुनावी अभियान में कहा था कि यह योजना चुनाव में सरकार के लिए गेमचेंजर साबित होने जा रही है. साथ ही चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में महायुति ने माझी लड़की बहिन योजना के तहत महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देने का वादे किया था. वहीं महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र 'महाराष्ट्रनामा' में मुख्यत: पांच गारंटियों पर केंद्रित किया था. इस घोषणा पत्र में महिलाओं को हर माह 3,000 रुपये देने का वादा किया गया था. हालांकि, महाविकास अघाड़ी के घोषणा पत्र का मैजिक इस बार के विधानसभा चुनाव में फिलहाल देखने को नहीं मिल रहा है.
मध्य प्रदेश की 'लाडली बहना' योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र में 'माझी लड़की बहिन' योजना
बता दें कि, मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी 'माझी लड़की बहिन योजना' की शुरुआत की गई थी. महाराष्ट्र सरकार ने 28 जून 2024 को 'मुख्यमंत्री 'माझी लड़की बहिन' योजना शुरू करने को मंजूरी दी थी. इस योजना के जरिए महाराष्ट्र में 21 से 65 साल की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है. इस योजना का लाभ सीधे डीबीटी द्वारा महिलाओं को उनके खाते में दिया जा रहा है. बताते चले कि, मध्य प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2023 में मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने एक निश्चित राशि दी जाती है. यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाती है ताकि बिचौलियों के ना रहने से महिलाओं को इस सहायता राशि का पूरा लाभ मिल सके.
मध्य प्रदेश में 'लाडली लक्ष्मी' योजना
इसी तरह, राज्य की लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2007 से की थी. लाडली लक्ष्मी योजना की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मध्य प्रदेश के बाद इस योजना को 6 अन्य राज्यों ने भी अपने यहां लागू किया है. लाडली लक्ष्मी योजना के तहत सरकार की ओर से बेटी के जन्म से (रजिस्ट्रेशन) अगले पांच साल तक हर साल 6 हजार रुपये उसके नाम से जमा किये जाते हैं. इस स्कीम के तहत सरकार हर साल 6 हजार रुपये के राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) खरीदती है और इसे समय-समय पर रिन्यू करती रहती है. कुल मिलाकर 30 हजार रुपये बालिका के नाम से जमा किये जाएंगे. लड़की को 6वीं कक्षा में प्रवेश के समय 2 हजार और 9वीं कक्षा में प्रवेश पर 4 हजार रुपये का भुगतान किया जायेगा. 11वीं कक्षा में दाखिले के समय उसे 7500 रुपये मिलेंगे. जब बालिका की आयु 21 साल हो जाएगी तो उसे 1 लाख की राशि से ज्यादा का भुगतान किया जाएगा.
महाराष्ट्र में इस विधानसभा चुनाव में कुल मतदान में लगभग 4.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन इस वृद्धि में महिलाओं का योगदान अहम है। 2019 के चुनावों में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत 59.26 प्रतिशत से बढ़कर इस साल 65.21 प्रतिशत हो गया है। यानी 5.95 प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई है.
मुंबई, इसके उपनगरों और इसके आस-पास के जिलों में भी महिला मतदाताओं की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई. इसमें ठाणे जिले में 11 प्रतिशत अंकों की वृद्धि देखी गई, इसके बाद आदिवासी जिले पालघर में नौ प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई और मुंबई महानगर क्षेत्र में 2019 के चुनावों की तुलना में कम से कम सात प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई। बता दें कि, महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान कराया गया था. राज्य के 36 जिलों की सभी 288 सीटों पर वोटिंग हुई जहां कई जिलों के मतदाताओं में जबरदस्त रुझान देखा गया.
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