नई दिल्ली: इस साल की शुरुआत में राज्य में लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद महायुति ने विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया है. फिलहाल महायुति 235 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी केवल 49 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
महायुति की इस उल्लेखनीय जीत में कई नेताओं ने अहम रोल अदा किया है. इन नेताओं की दूरदर्शिता, रणनीति और अथक प्रयासों ने ही महायुति को जीत के शिखर पर पहुंचाया है. इन नेताओं में पीएम मोदी और अमित शाह के नाम भी शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे आगे रहकर नेतृत्व किया, जिनकी लोकप्रियता और अथक प्रचार अभियान ने गठबंधन को स्पष्ट बढ़त दिलाई. विकास, कल्याणकारी योजनाओं पर पीएम मोदी का ध्यान और मतदाताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता ने इस व्यापक सफलता की नींव रखी.
गृह मंत्री अमित शाह
भारत के बेस्ड चुनाव रणनीतिकार गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी विशिष्ट सटीकता के साथ गठबंधन के अभियान का संचालन किया. शाह की चुनाव को लेकर गहरी समझ और पूरे महाराष्ट्र में उनकी सक्रिय भागीदारी ने सुनिश्चित किया कि महायुति का संदेश हर कोने तक पहुंचे.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा
इसी तरह भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने प्रयासों को और बढ़ाया, जिनके पर्दे के पीछे के कोर्डिनेशन और अनुशासन ने मशीनरी को निर्बाध रूप से चालू रखा.
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस गठबंधन की नीतियों और आकांक्षाओं का चेहरा बनकर उभरे, उन्होंने अपनी तीखी बयानबाजी और विकास संबंधी दृष्टि से अभियान को आगे बढ़ाया.
सीएम एकनाथ शिंदे
जीत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी काफी महत्वपूर्ण रहे, उन्होंने न केवल उद्धव ठाकरे के खिलाफ गुटीय लड़ाई जीती, बल्कि शिवसेना के पारंपरिक मतदाता आधार पर अपनी पकड़ भी मजबूत की.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में, जहां महायुति को लोकसभा चुनाव में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, वहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का प्रभाव गेम-चेंजर साबित हुआ. जमीनी स्तर पर उनकी पहुंच और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान ने गठबंधन के पक्ष में माहौल बदल दिया.
भूपेंद्र यादव
इस बीच, महाराष्ट्र के लिए भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने उम्मीदवारों के चयन और प्रचार अभियान को सुव्यवस्थित करने के लिए अथक प्रयास किया. इससे जिन इलाकों में प्रमुख मुकाबले वाले इलाकों में महायुति का दबदबा सुनिश्चित हुआ.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार
बारामती में अजित पवार की भूमिका गठबंधन के लिए एक मास्टरस्ट्रोक बनी. अपने चाचा शरद पवार के साथ लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक विवाद के बीच अजित ने न केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक प्रमुख बढ़त हासिल की, बल्कि असली एनसीपी पर बहस को भी बंद कर दिया.
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