नई दिल्ली : असम के जोरहाट संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले गौरव गोगोई ने पिछले सदन के दौरान लोकसभा में कालियाबोर सीट का प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें वह कांग्रेस के उपनेता थे.
पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई को नए सदन में विपक्ष के नेता पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. अगर पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, यह पद स्वीकार करने के कांग्रेस कार्य समिति के सर्वसम्मत अनुरोध को अस्वीकार कर देते हैं.
सवाल : कांग्रेस ने आक्रामक ढंग से लड़ाई लड़ी, लेकिन भाजपा सरकार को उखाड़ नहीं सकी. नई लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की क्या रणनीति होगी?
जवाब :कांग्रेस रचनात्मक और आक्रामक विपक्ष की भूमिका निभाएगी. अब हम 99 सीटों के साथ काफी मजबूत हैं. हम संसद और संविधान की रक्षा के लिए तैयार हैं. अगर सत्तारूढ़ एनडीए, संसद या संविधान को नष्ट करने का कोई भी प्रयास करता है तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा.
I.N.D.I.A ब्लॉक के खिलाफ केवल 32 सीटों के अंतर के साथ एनडीए की जीत मामूली है. मेरे विचार से एनडीए को इसे जीत नहीं कहना चाहिए. I.N.D.I.A ब्लॉक में सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे.
सवाल: विपक्ष का नया नेता कौन होगा?
जवाब :कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने प्रस्ताव पारित किया है कि राहुल गांधी को यह पद संभालना चाहिए. विपक्ष के नेता का निर्णय उचित समय पर किया जाएगा. मैं अपने भविष्य पर पार्टी के फैसले का इंतजार कर रहा हूं. लेकिन मैं अपने गृह राज्य असम पर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगा, जहां मुझे लगता है कि 2026 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता में वापस लाने का मौका है.
सवाल :आप ऐसा क्यों कहते हैं?
जवाब : देखिए, जोरहाट की जनता ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को हरा दिया, जिन्होंने इसे अपना निजी चुनाव बना लिया था. डुबरी की जनता ने भी एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ वोट किया, जिन्होंने भाजपा का खेल खेला. भाजपा की ये दो हार बताती हैं कि असम की जनता 2026 के विधानसभा चुनाव में बदलाव के लिए तैयार है.