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क्या छठे चरण में कांग्रेस की स्थिति बेहतर होगी ? जानें कौन किस पर भारी - Lok Sabha Election 2024 6th Phase

2019 के लोकसभा चुनाव में इन 58 में से 40 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. दूसरे स्थान पर बसपा थी, जिनके खाते में चार सीटें गई थीं. वहीं, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था. बता दें कि, पिछले चुनाव में इन 58 सीटों पर कुल 64.22 फीसदी वोटिंग हुई थी.

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लोकसभा चुनाव 2024 की चुनाव रैली (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 23, 2024, 4:28 PM IST

Updated : May 23, 2024, 4:46 PM IST

हैदराबाद:लोकसभा चुनाव का 5वां चरण समाप्त हो चुका है. शनिवार (25 मई) को छठे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार जोर-शोर से जारी है. 42 दिनों तक चलने वाली लोकसभा चुनाव प्रक्रिया अब अपने समापन के करीब है और केवल दो चरण बचे हैं. इस चरण को विशेष रूप से दिलचस्प बनाने वाली बात यह है कि दिल्ली की सभी सात सीटों और हरियणा की सभी 10 सीटों पर मतदान होगा. एक और सबसे दिलचस्प बात यह है कि, 2019 के चुनाव में कांग्रेस इन 58 सीटों में से एक भी नहीं जीत पाई. इसके विपरित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पिछले चुनाव में 47 सीटों पर 40 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल करते हुए 40 सीटें जीतीं. स्पष्ट रूप से देखा जाए तो छठे चरण में कांग्रेस के पास कोई गढ़ नहीं है. हालांकि, बीजेपी के पास 5, बीजू जनता दल के पास 4 और तृणमूल के पास दो गढ़ हैं. झारखंड में बीजेपी ने लगातार धनबाद और जमशेदपुर में जीत हासिल की है. बिहार में पार्टी पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और शिवहर में मजबूत है.

किसका कहां दबदबा
बीजेडी का ओडिशा में दबदबा है, खासकर कटक, ढेंकनाल, क्योंझर और पुरी में लेकर पार्टी आश्वसत है. इससे पता चलता है कि स्थानीय लोग बीजद के काम का समर्थन करते हैं. पश्चिम बंगाल में, टीएमसी का कांथी और तमलुक पर दबदबा है, जो वहां पार्टी के ठोस आधार को दर्शाता है. फेज 6 में 30 सीटों पर बीजेपी प्रबल दावेदार है. इसका मतलब है कि पार्टी ने पिछले तीन चुनावों में कम से कम दो बार सीट जीती, हरियाणा में कांग्रेस केवल एक सीट रोहतक पर प्रबल दावेदार है. कांग्रेस ने 2009 और 2014 में यह सीट जीती थी लेकिन 2019 के चुनाव में वह 0.6 प्रतिशत के मामूली अंतर से भाजपा से हार गई.

2019 में कौन किस पर भारी
लोकसभा चुनाव के 6वें चरण में छह सीटें ऐसी हैं जहां 2019 के चुनाव में जीत का अंतर 35 प्रतिशत से अधिक था और बीजेपी ने उन सभी पर जीत हासिल की. इन सीटों में दिल्ली में पश्चिमी दिल्ली और उत्तर-पश्चिम दिल्ली, हरियाणा में फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़ और करनाल है. वहीं झारखंड में धनबाद शामिल है. करनाल और फरीदाबाद में बीजेपी ने 50 फीसदी जीत के अंतर से विजय हासिल की.

2019 के चुनाव में पांच सीटें ऐसी हैं जहां मुकाबला कड़ा था. भाजपा के भोलानाथ ने उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट केवल 181 वोटों या 0.02 प्रतिशत जीत के अंतर से विजय हासिल की. पिछले चुनाव में एक फीसदी से कम जीत के अंतर वाली अन्य चार सीटें यूपी में श्रावस्ती, हरियाणा में रोहतक, ओडिशा में संबलपुर और पश्चिम बंगाल में झाड़ग्राम हैं.

स्विंग सीटें
चरण-6 में 17 सीटें हैं जिन्होंने नियमित रूप से सत्ताधारियों को हैरान किया है. स्विंग सीटें, जो बाद के चुनाव में किसी भी मौजूदा पार्टी की तरफ से बरकरार नहीं रखी जा सकीं, उनमें जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी, बिहार में वाल्मिकी नगर, गोपालगंज और सीवान, हरियाणा में सिरसा और हिसार, ओडिशा में संबलपुर, प्रतापगढ़, अंबेडकर नगर शामिल हैं. यूपी में श्रावस्ती, लालगंज और जौनपुर, और पश्चिम बंगाल में झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा और बिष्णुपुर शामिल हैं.

बता दें कि, छठे दौर में 25 मई को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों पर वोटिंग होनी है. इसमें जम्मू-कश्मीर का अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र भी है, जहां मतदान तीसरे चरण की बजाय छठे चरण के लिए स्थगित कर दिया गया था. छठे चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें उत्तर प्रदेश की 14, हरियाणा की सभी 10, बिहार और पश्चिम बंगाल की आठ-आठ, दिल्ली की सभी सात, ओडिशा की छह और झारखंड की चार सीटें शामिल है. वहीं सबसे कम जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर भी लोग मतदान डालेंगे.

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Last Updated : May 23, 2024, 4:46 PM IST

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