कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में जाट मतदाता से सबसे ज्यादा हैं, लेकिन आज तक जाट उम्मीदवार कभी भी यहां जीत हासिल नहीं कर पाया. सभी जाट उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है. आखिर इस क्षेत्र में ऐसे में क्या समीकरण बनते हैं कि सबसे ज्यादा वोट के उम्मीदवार जीत नहीं हासिल कर पाते?
कुरुक्षेत्र में आमने-सामने ये उम्मीदवार: पूरे भारत में 2024 लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है, हरियाणा में 10 लोकसभा सीट है. इनमें से कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट एक है. कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के तहत तीन जिलों की कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें लाडवा, शाहाबाद, थानेसर, पिहोवा, रादौर, गुहला, कलायत, कैथल और पुंडरी विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इस बार कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी व इंडिया गठबंधन का समर्थित उम्मीदवार डॉ. सुशील गुप्ता, इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी से अभय सिंह चौटाला और भारतीय जनता पार्टी से नवीन जिंदल चुनावी रण में हैं. तीनों अपनी पार्टियों के काफी बड़े नेता होने के चलते चुनावी मैदान में हैं.
कुरुक्षेत्र हॉट सीट में शुमार: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट हॉट सीट में शुमार हो गई है. अब देखना यह होगा कि इस चुनावी रण से कौन बाजी मारता है, लेकिन कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से एक हैरान करने वाला आंकड़ा यह है कि कुरुक्षेत्र लोकसभा में करीब 18 लाख मतदाता है. इनमें से करीब 4 लाख से ऊपर मतदाता जाट समुदाय के हैं, लेकिन अब तक यहां से किसी भी पार्टी या आजाद कोई भी जाट उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया है. आइए जानते हैं कि ऐसे क्या समीकरण बनते हैं कि यहां से सबसे ज्यादा वोट बैंक वाली जाति का उम्मीदवार क्यों सांसद नहीं बन पाता.
करीब 18 लाख मतदाताओं में से चार लाख से ऊपर मतदाता जाट: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में करीब 18 लाख मतदाता शामिल हैं. इनमें से करीब चार लाख से ऊपर मतदाता जाट जाति से आते हैं, जो इस लोकसभा में सबसे बड़ी वोट बैंक वाली जाति है. कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में करीब 15% जाट मतदाता हैं, तो 4% जाट सिख मतदाता है. इनके बाद दूसरे नंबर पर ब्राह्मण जाति और सैनी जाति की 8-8% वोट है. इनके बाद पंजाबी समुदाय के कुरुक्षेत्र लोकसभा में 6% वोट है. अग्रवाल समाज की कुरुक्षेत्र लोकसभा में 5 प्रतिशत वोट है. इनके बाद रोड जाति की यहां पर 3% वोट है. मुस्लिम और ईसाई की समुदाय के यहां पर 0.5% वोट है. जबकि राजपूत समुदाय की करीब 2 प्रतिशत वोट है. कश्यप समाज के यहां पर 3% वोट है. वहीं, गुर्जर समाज की भी यहां पर तीन प्रतिशत वोट है. हरिजन समाज की यहां पर करीब 11% वोट है तो वहीं वाल्मीकि समाज की 7% वोट है. बाजीगर समुदाय की 2 फीसदी वोट, अन्य वोट बाकि जातियों के हैं. इस तरह से यहां पर जाट समुदाय की सबसे ज्यादा वोट है.
आज तक कोई भी जाट जाति का प्रत्याशी नहीं जीत पाया:कुरुक्षेत्र लोकसभा से मौजूदा समय में इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी से अभय सिंह चौटाला चुनावी रण में हैं जो जाट जाति से संबंध रखते हैं. इससे पहले भी एक बार अभय सिंह चौटाला यहां से प्रत्याशी के रूप में जनता के बीच में आ चुके हैं. वहीं, 2019 लोकसभा के चुनाव में अभय सिंह चौटाला के बेटा करण चौटाला यहां से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन पहले जब 2 बार यहां से अभय सिंह चौटाला और उनका बेटे करण चौटाला चुनावी मैदान में उतरे थे तो दोनों के जमानत जब्त हुई थी. लोकसभा चुनाव 2019 में ही यहां से कांग्रेस ने निर्मल सिंह को अपने प्रत्याशी के तौर पर उतारा था जो जाट जाति से हैं लेकिन उनको भी यहां से हार का सामना करना पड़ा था.