पटनाः2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में बीजेपी ने अपने हिस्से की सभी 17 सीटों से कैंडिडेट घोषित कर दिए हैं. पार्टी ने अधिकतर सीटों से मौजूदा सांसदों पर ही भरोसा जताया है तो कई सीटों पर मौजूदा सांसदों को बेटिकट कर नये चेहरों को मौका दिया है. ऐसे में जिन सांसदों का टिकट कटा है उनमें से कई बगावत को तैयार दिख रहे हैं, बस विरोधी गठबंधन के सिग्नल का इंतजार भर है.
मुजफ्फरपुर से अजय निषाद को नहीं मिला टिकटःबीजेपी ने जिन मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है, उनमें एक नाम है मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद का. अजय निषाद लगातार दो चुनाव से मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी की विजय पताका फहराते रहे हैं. लेकिन इस बार पार्टी को उन पर भरोसा नहीं रहा और उन्हें टिकट से हाथ धोना पड़ा.
जिसे हराया उसे ही पार्टी ने टिकट थमायाः 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अजय निषाद ने वीआईपी के राजभूषण चौधरी निषाद को 4 लाख से भी अधिक वोटों से करारी शिकस्त दी. बाद में राजभूषण चौधरी निषाद न सिर्फ बीजेपी में शामिल हो गये बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का टिकट पाने में भी सफल हो गये. अब अजय निषाद को इस बात का मलाल है कि इतनी बड़ी जीत के बावजूद पार्टी ने उनका टिकट काट दिया.
बगावत के मूड में नाराज अजयः टिकट कटने से अजय निषाद पार्टी से बेहद ही नाराज हैं.अजय निषाद ने ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत के दौरान कहा कि "मैं रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीता था. मेरे टिकट काटने का कोई वाजिब कारण नहीं था. मुजफ्फरपुर की जनता चाहती है कि हम चुनाव लड़ें और जनता के दबाव के चलते हम चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं."
कांग्रेस के संपर्क में हैं अजय निषाद !: जानकारी के मुताबिक महागठबंधन के सीट बंटवारे में मुजफ्फरपुर सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है और सूत्रों के अनुसार अजय निषाद टिकट के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं. दरअसल मुजफ्फरपुर में मल्लाह जाति का वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा करता है. इसलिए लालू की भी नजर अजय निषाद पर है.
शिवहर से बेटिकट हुईं रमा देवीः शिवहर से भी लगातार 3 बार कमल खिलानेवाली रमा देवी को इस बार टिकट से हाथ धोना पड़ा है. शिवहर सीट जेडीयू के कोटे में चली गयी है और जेडीयू ने यहां से बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को अपना कैंडिडेट घोषित किया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में रमा देवी ने आरजेडी के सैयद फैसल अली को करीब 3 लाख 40 हजार वोट से हराया था.
टिकट कटा तो नाराज हुईं रमा देवीः रमा देवी की नाराजगी इस बात को लेकर है कि 75 की उम्र पार करने के चलते उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो फिर राधा मोहन सिंह को टिकट क्यों मिला ? राधा मोहन सिंह भी तो 75 की उम्र पार कर चुके हैं. वैसे तो रमा देवी ने अपने पत्ते फिलहाल नहीं खोले हैं लेकिन माना जा रहा है कि मौका मिला तो बीजेपी से बगावत में गुरेज नहीं करेंगी.