रायपुर :छत्तीसगढ़ के महिला थाना और राज्य महिला आयोग में इन दिनों पति-पत्नी और वो यानी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. ज्यादातर महिलाओं की एक ही शिकायत होती है कि उनके पति का किसी दूसरी औरत से अफेयर है.इस बात को लेकर आए दिन घर में लड़ाई झगड़ा और मारपीट की नौबत आती है. कई मामलों में देखा गया है कि पति बिना तलाक लिए ही दूसरी महिलाओं के साथ रहने लगते हैं. ऐसे में उनके बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है. आखिर ऐसे मामलों को लेकर महिला थाना और महिला आयोग क्या कार्रवाई करता है. कानून में इसके लिए क्या प्रावधान है. आइये जानते हैं.
मॉडर्न युग में बदले तौर तरीके :एक समय था जब शादी जन्म जन्मांतर और सात जन्मों का बंधन माना जाता था. लेकिन इन दिनों पति पत्नी और वो का चलन तेजी से बढ़ा है.आए दिन पति-पत्नी और वो, याने एक्स्ट्रा अफेयर के मामले देखने को मिल रहे हैं. महिला थाना हो या फिर महिला आयोग यहां पहुंचने वाली ज्यादातर महिलाओं की यही शिकायत होती है. इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद बढ़ जाता है. मारपीट तक की नौबत आ जाती है. कई मामलों में तो देखा गया है कि पति अपनी पत्नी को बिना तलाक दिए, दूसरी महिला के साथ रहने भी लगता है. इन शिकायतों में न्याय की गुहार लगाने महिलाएं थाना और महिला आयोग पहुंचती है.
क्या है कानून में प्रावधान ?:महिला थाना प्रभारी वेदवती दरियों ने बताया कि महिला थाने में लगभग 100 मामलों में से 30 से 35 मामले पति पत्नी और वो यानी एक्स्ट्रा अफेयर के होते हैं. इसके बाद अन्य समस्याओं से संबंधित शिकायतें प्राप्त होती है. देववती ने बताया कि यहां पहुंचने वाली ज्यादातर महिलाओं का यही कहना होता है कि उनके पति का किसी और औरत के साथ संबंध हैं. कुछ मामलों में पति इन औरतों के साथ ही रहते हैं. ऐसी शिकायतें भी महिला थाने को प्राप्त हो रही है. ऐसा मामले में सबसे पहले ये पता किया जाता है कि महिला सही बोल रही है या नहीं. उसके पति से संबंधित मोबाइल कॉल्स, व्हाट्सएप चैटिंग सहित अन्य जानकारी इकट्ठा की जाती है.
''शिकायतकर्ता महिला और उसके पति को थाने बुलाया जाता है और काउंसलिंग की जाती है. उन्हें समझाने की कोशिश की जाती है, कि इस तरह से आपका परिवार टूट सकता है. जिसका असर आपके बच्चों पर भी पड़ेगा . ऐसे में आप अपनी पत्नी के साथ रहें और बाकी चीजों पर ध्यान ना दें. कई बार पुरुषों को हमारी ओर से समझाईश भी दी जाती है. इसके अलावा जिस महिला से उसका एक्स्ट्रा अफेयर होता है उसे भी बुलाकर समझाइश दी जाती है कि वह आदमी शादीशुदा है इससे दूर रहें, इससे दोनों घर बर्बाद नहीं होंगे.'' वेदवती दरियो,महिला थाना, रायपुर
काउंसलिंग का होता है असर :वेदवती दरियों ने बताया कि इस काउंसलिंग का अच्छा असर भी देखने को मिलता है. कई बार टूटते बिखरते परिवार बच जाते हैं. शिकायतकर्ता महिला भी समय-समय पर महिला थाना को अपने पति से संबंधित गतिविधियों की जानकारी देती है. इस तरह से कई घरों को टूटने से महिला थाना ने बचाया है.लेकिन कई मामलों में पति पत्नी साथ रहने को राजी नहीं होते हैं. तो ऐसे मामलों को कोर्ट भेज दिया जाता है. उसके बाद आगे का निर्णय कोर्ट करती है. हालांकि इसके पहले तीन बार से 6 बार तक इन लोगों की काउंसलिंग की जाती है. हमारा प्रयास होता है कि यह परिवार आपसी सहमति से साथ में रहने लगे.
क्या होता है बच्चों पर असर :ऐसे मामलों में बच्चों की कस्टडी को लेकर वेदवती ने बताया कि यदि बच्चा दूधमुंहा होता है तो वह अपने मां के साथ रहता है. हम उसे उसकी मां को सौंप देते हैं. उस बच्चे को उसकी मां से अलग नहीं किया जाता है. हालांकि बड़े बच्चों के मामलों में कोर्ट के जरिए निर्णय लिया जाता है. लेकिन यह जरूर है कि पति-पत्नी और वो के चक्कर में बच्चे का भविष्य अंधकारमय हो जाता है.
क्या है कानून के जानकारों का कहना ?: एक्स्ट्रा मैरिटल मामलों को देखने वाले एडवोकेट आयुष जय सरकार का भी कहना है कि बिना तलाक दिए किसी और महिला के साथ यदि कोई पुरुष रहता है तो वह कानूनी अपराध है. इसमें सजा का भी प्रावधान है. ऐसे मामलों में पुरुष को 7 साल तक की सजा हो सकती है. कानूनी तौर पर आप एक ही पत्नी को रख सकते हैं. यदि आपका तलाक नहीं होता है , तब तक आप दूसरा विवाह नहीं कर सकते हैं.