सहरसा: बिहार के सहरसा के रहने वाले 26 वर्षीय आईपीएस अधिकारी हर्ष वर्धन का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया. जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर पूरा गांव गमगीन दिखा. वहीं हर्ष वर्धन के चाचा ने पूरे मामले के जांच की मांग भी है. बता दें कि बीते रविवार को कर्नाटक के हासन जाते समय सड़क दुर्घटना में हर्ष वर्धन की मौत हो गई थी. वो कार से कर्नाटक के हासन जॉइनिंग के लिए जा रहे थे, उसी दौरान गाड़ी का टायर फटने से वो हादसे का शिकार हो गए.
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई: हर्ष वर्धन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव फतेहपुर लाया गया. जहां डीआईजी, एसपी और सभी अधिकारियों ने सबसे पहले फूल की माला के साथ उनको श्रद्धांजलि दी. उसके बाद पुलिस के द्वारा उन्हें सलामी दी गई और राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंतिम विदाई हुई. मिली जानकारी के अनुसार आईपीएस अधिकारी सहरसा जिले के काशनगर थाना क्षेत्र के पड़रिया फतेहपुर गांव के रहने वाले थे और पूरा परिवार मध्यप्रदेश में रहता था.
चाचा ने की जांच की मांग: मृतक आईपीएस अधिकारी हर्ष वर्धन के चाचा ने बताया कि हर्ष वर्धन उनके घर का दीप था, जो आज बुझ गया है. ये कैसे हुआ इसकी सरकार ही समीक्षा कर सकती है. चाचा ने आगे बताया कि हर्ष वर्धन के पिता मध्यप्रदेश में रहते है और कभी-कभी गांव आते थे. हर्ष वर्धन बहुत सही लड़का था और उसने अपनी योग्यता से मंजिल प्राप्त की. सूचना के अनुसार हासन पहुंचने में मात्र 10 किलोमीटर बचा था तब ये हादसा हुआ. आईपीएस अधिकारी के चाचा ने सरकार और वरीय अधिकारियों से जांच की मांग की है.
"आज हम लोगों के घर का दीप बुझ गया है. हर्ष वर्धन दुर्गा पूजा से पहले घर आया था और दो दिन रुका था. फिर वो अपने ननिहाल खुरान गांव चला गया और वहीं से फिर कर्नाटक के हासन जा रहा था. सरकार को इस हादसे की जांच करनी चाहिए. ड्राइवर ने गाड़ी के चक्के में ज्यादा हावा दे दी, जिससे टायर फट गया या पुराना टायर लागाया गया जिससे ये घटना हुई. ये हादसा संदेह के घेरे में है और हम जांच की मांग करते हैं."-आईपीएस अधिकारी हर्ष वर्धन के चाचा