कुल्लू: पैराग्लाइडिंग, मानो इंसान पंख लगाकर आसमान में उड़ रहा हो. इन दिनों पैराग्लाइडिंग के रोमांच का अहसास करने वालों की तादाद बढ़ी है. हिमाचल से लेकर उत्तराखंड समेत देश के कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर पर्यटक एडवेंचर की तलाश में पहुंचते हैं. कई पर्यटक एडवेंचर के लिए पहले ही इंटरनेट पर चेक करने के बाद ऐसी जगह को चुनते हैं जहां पैराग्लाइडिंग होती है. देशभर में कई जगह पैराग्लाइडिंग का मजा ले सकते हैं लेकिन पैराग्लाइडिंग का रोमांच रिस्क के साथ आता है. आसमान में पैराग्लाइडर के साथ उड़ते हुए एक छोटी सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है. इसलिये पैराग्लाइडिंग के दौरान सेफ्टी बहुत जरूरी है. पैराग्लाइडिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना है आपको बताएंगे लेकिन पहले जान लेते हैं कि हम पैराग्लाइडिंग के दौरान सेफ्टी की बात क्यों कर रहे हैं.
पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई महिला पर्यटक की मौत
मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. जहां डोभी नाम की पैराग्लाइडिंग साइट पर एक दर्दनाक हादसा पेश आया. 11 फरवरी को हैदराबाद की 29 साल की नव्या पैराग्लाइडिंग के दौरान गिर गई. नव्या की मौके पर ही मौत हो गई. शुरुआती जांच में पता चला है कि बीच हवा में सेफ्टी बेल्ट खुलने के कारण ये हादसा हुआ और नव्या की जान चली गई. इस मामले में पायलट और ऑपरेटर का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है और जांच जारी है. पैराग्लाइडिंग के दौरान ये सिर्फ एक हादसे का जिक्र है लेकिन दुनियाभर में ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं. एडवेंचर से भरपूर पैराग्लाइडिंग में थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिये पैराग्लाइडिंग के वक्त कई सावधानियां बरतने की जरूरत है.
पैराग्लाइडिंग के लिए जाएं तो इन बातों का रखें ध्यान
पैराग्लाइडिंग का रोमांच कई लोगों को अपनी ओर खींचता है लेकिन पैराग्लाइडिंग करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. कुल्लू में पैराग्लाइडिंग ऑपरेटर सुरेश शर्मा और विपिन कुमार ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं जो पर्यटकों के साथ-साथ ऑपरेटर्स और पायलट को भी ध्यान में रखनी चाहिए ताकि सेफ्टी के साथ टेकऑफ और लैडिंग हो सके. विपिन कुमार बताते हैं कि पैराग्लाइडिंग का ये खेल पूरी तरह से सेफ्टी पर निर्भर है इसलिये सेफ्टी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
- साफ मौसम: अगर सैलानी पैराग्लाइडिंग करना चाहते हैं तो वह सबसे पहले ये देख लें कि मौसम बिल्कुल साफ हो. पैराग्लाइडिंग के लिए तभी जाएं जब आसमान बिल्कुल साफ हो. ये सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है.
- पायलट का लाइसेंस: सैलानी उड़ान भरने से पहले एक बार पायलट को अपना लाइसेंस दिखाने के लिए कहें और ये सुनिश्चित कर लें कि वह हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग या सरकार के साथ रजिस्टर्ड है या नहीं. पायलट का नाम या अन्य जानकारी पूछने का अधिकार भी पर्यटक के पास है
- सेफ्टी गाइडलाइन/उपकरण: पैराग्लाइडिंग से पहले सैलानी सेफ्टी गाइडलाइन का खास ध्यान रखें. उड़ान से पहले ही पायलट और ऑपरेटर से सेफ्टी से जुड़ी तमाम बातों की जानकारी लें. मसलन उड़ान भरते या उतरते वक्त टांगो की पॉजीशन, हवा में रहते हुए किन बातों का ध्यान रखना है आदि. सेफ्टी बेल्ट्स के साथ-साथ पैराग्लाइडिंग में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को भी चेक कर लें.
पायलट को हाई कोर्ट की चेतावनी: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से मिले निर्देशों के अनुसार पैराग्लाइडिंग साइट पर एक पायलट दिनभर में 4 से अधिक उड़ानें नहीं भर सकता है. लगातार हो रहे हादसों के बाद पर्यटन विभाग भी अब एक्शन में आ गया है. वहीं, अगर पायलट बिना लाइसेंस कार्ड को गले में लटकाए एडवेंचर गेम्स को करता या करवाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.