हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / bharat

पैराग्लाइडिंग करने जा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, छोटी सी लापरवाही ले सकती है जान

Paragliding Safety Tips in Himachal: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पैराग्लाइडिंग के दौरान एक महिला की मौत हो गई. सेफ्टी बेल्ट खुलने से टूरिस्ट हवा से जमीन पर आ गिरी. पैराग्लाइडिंग इन दिनों टूरिस्ट्स की पहली पसंद बनता जा रहा है लेकिन रोमांच से भरे इस खेल में छोटी सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है इसलिये पैराग्लाइडिंग के दौरान इन सेफ्टी टिप्स का ध्यान रखें.

Paragliding in Himachal
हिमाचल में पैराग्लाइडिंग

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 14, 2024, 2:10 PM IST

Updated : Feb 14, 2024, 2:21 PM IST

कुल्लू: पैराग्लाइडिंग, मानो इंसान पंख लगाकर आसमान में उड़ रहा हो. इन दिनों पैराग्लाइडिंग के रोमांच का अहसास करने वालों की तादाद बढ़ी है. हिमाचल से लेकर उत्तराखंड समेत देश के कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर पर्यटक एडवेंचर की तलाश में पहुंचते हैं. कई पर्यटक एडवेंचर के लिए पहले ही इंटरनेट पर चेक करने के बाद ऐसी जगह को चुनते हैं जहां पैराग्लाइडिंग होती है. देशभर में कई जगह पैराग्लाइडिंग का मजा ले सकते हैं लेकिन पैराग्लाइडिंग का रोमांच रिस्क के साथ आता है. आसमान में पैराग्लाइडर के साथ उड़ते हुए एक छोटी सी लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ सकती है. इसलिये पैराग्लाइडिंग के दौरान सेफ्टी बहुत जरूरी है. पैराग्लाइडिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना है आपको बताएंगे लेकिन पहले जान लेते हैं कि हम पैराग्लाइडिंग के दौरान सेफ्टी की बात क्यों कर रहे हैं.

पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई महिला पर्यटक की मौत

मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. जहां डोभी नाम की पैराग्लाइडिंग साइट पर एक दर्दनाक हादसा पेश आया. 11 फरवरी को हैदराबाद की 29 साल की नव्या पैराग्लाइडिंग के दौरान गिर गई. नव्या की मौके पर ही मौत हो गई. शुरुआती जांच में पता चला है कि बीच हवा में सेफ्टी बेल्ट खुलने के कारण ये हादसा हुआ और नव्या की जान चली गई. इस मामले में पायलट और ऑपरेटर का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है और जांच जारी है. पैराग्लाइडिंग के दौरान ये सिर्फ एक हादसे का जिक्र है लेकिन दुनियाभर में ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं. एडवेंचर से भरपूर पैराग्लाइडिंग में थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. इसलिये पैराग्लाइडिंग के वक्त कई सावधानियां बरतने की जरूरत है.

कुल्लू में पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई महिला पर्यटक की मौत

पैराग्लाइडिंग के लिए जाएं तो इन बातों का रखें ध्यान

पैराग्लाइडिंग का रोमांच कई लोगों को अपनी ओर खींचता है लेकिन पैराग्लाइडिंग करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. कुल्लू में पैराग्लाइडिंग ऑपरेटर सुरेश शर्मा और विपिन कुमार ने कुछ ऐसी बातें बताई हैं जो पर्यटकों के साथ-साथ ऑपरेटर्स और पायलट को भी ध्यान में रखनी चाहिए ताकि सेफ्टी के साथ टेकऑफ और लैडिंग हो सके. विपिन कुमार बताते हैं कि पैराग्लाइडिंग का ये खेल पूरी तरह से सेफ्टी पर निर्भर है इसलिये सेफ्टी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.

  • साफ मौसम: अगर सैलानी पैराग्लाइडिंग करना चाहते हैं तो वह सबसे पहले ये देख लें कि मौसम बिल्कुल साफ हो. पैराग्लाइडिंग के लिए तभी जाएं जब आसमान बिल्कुल साफ हो. ये सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है.
  • पायलट का लाइसेंस: सैलानी उड़ान भरने से पहले एक बार पायलट को अपना लाइसेंस दिखाने के लिए कहें और ये सुनिश्चित कर लें कि वह हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग या सरकार के साथ रजिस्टर्ड है या नहीं. पायलट का नाम या अन्य जानकारी पूछने का अधिकार भी पर्यटक के पास है
  • सेफ्टी गाइडलाइन/उपकरण: पैराग्लाइडिंग से पहले सैलानी सेफ्टी गाइडलाइन का खास ध्यान रखें. उड़ान से पहले ही पायलट और ऑपरेटर से सेफ्टी से जुड़ी तमाम बातों की जानकारी लें. मसलन उड़ान भरते या उतरते वक्त टांगो की पॉजीशन, हवा में रहते हुए किन बातों का ध्यान रखना है आदि. सेफ्टी बेल्ट्स के साथ-साथ पैराग्लाइडिंग में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को भी चेक कर लें.
    पैराग्लाइडिंग में रोमांच और रिस्क दोनों है

पायलट को हाई कोर्ट की चेतावनी: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से मिले निर्देशों के अनुसार पैराग्लाइडिंग साइट पर एक पायलट दिनभर में 4 से अधिक उड़ानें नहीं भर सकता है. लगातार हो रहे हादसों के बाद पर्यटन विभाग भी अब एक्शन में आ गया है. वहीं, अगर पायलट बिना लाइसेंस कार्ड को गले में लटकाए एडवेंचर गेम्स को करता या करवाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.

पायलट और ऑपरेटर की जिम्मेदारी-सुरेश शर्मा और विपिन कुमार के मुताबिक पैराग्लाइडर ऑपरेटर को चाहिए कि वो नियमों का सख्ती से पालन करे और सिर्फ उन्हीं पायलटों को पैराग्लाइडर उड़ाने की अनुमति दें जो प्रशिक्षित होने के साथ-साथ सरकार से मान्यता प्राप्त हों. इसके अलावा ऑपरेटर और पायलट की ये पहली जिम्मेदारी है कि वो पैराग्लाइडिंग से जुड़े तमाम उपकरणों की जांच समय-समय पर करता रहे ताकि सेफ्टी बनी रहे. पैराग्लाइडिंग के लिए आए लोगों को सेफ्टी से जुड़े तमाम दिशा-निर्देशों की जानकारी अच्छे से समझाना. उड़ान भरने से पहले टूरिस्ट को रिलेक्स रखने से लेकर हवा में और लैंडिंग करने तक उससे बात करते रहे और सेफ्टी से जुड़े तमाम चीजें बताते रहने की जिम्मेदारी पायलट की होती है. सुरक्षा को देखते हुए ही समय-समय पर पर्यटन विभाग भी पैराग्लाइडिंग साइट्स का मुआयना करता है और पायलट से लेकर ऑपरेटर्स के लाइसेंस की जांच करता है. ये पूरी कवायद इसलिये की जाती है ताकि पर्यटक पैराग्लाइडिंग का आनंद पूरी सुरक्षा के साथ ले सकें और अच्छी यादें संजोकर ले जाए.

पैराग्लाइडिंग के दौरान सेफ्टी का रखें ध्यान

हिमाचल में पैराग्लाइडिंग-हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा से लेकर कुल्लू तक कई जगह पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग होती है. इनका मजा लेने के लिए हर साल लाखों पर्यटक हिमाचल पहुंचते हैं. कुल्लू जिले की पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा कहती हैं कि पैराग्लाइडिंग या रिवर राफ्टिंग के दौरान हादसे पहले भी होते रहे हैं. रोमांच के साथ-साथ इनमें खतरा भी बना रहता है इसलिये विभाग की ओर से समय-समय पर कारगर कदम उठाए जाते हैं.

"पैराग्लाइडिंग मनोरंजन के साथ एक साहसिक खेल है. इसमें जोखिम तो रहता ही है, लेकिन समय-समय पर विभाग के द्वारा पायलट व पैराग्लाइडर की भी जांच की जाती है. इसके अलावा विभाग के द्वारा समय-समय पर पायलटों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है. आगामी समय में इन नियमों को अधिक सख्त बनाया जाएगा." - सुनैना शर्मा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, कुल्लू

पहले भी हुए हैं हादसे- सुनैना शर्मा के बताया कि साल 2022 के मई महीने में कर्नाटक के एक पर्यटक की मौत के बाद प्रदेश हाई कोर्ट ने पैराग्लाइडिंग पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट ने पैराग्लाइडिंग के लिए नियमावली बनाने, पायलट को प्रशिक्षित करने और पैराग्लाइडर की जांच करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद प्रशासन ने भी यहां पर अवैध रूप से हो रही पैराग्लाइडिंग पर रोक लगाई थी. अब सिर्फ रजिस्टर्ड ऑपरेटर, लाइसेंस वाले पायलट को ही पैराग्लाइडिंग की अनुमति है.

कुल्लू की फेमस पैराग्लाइडिंग साइट:सुनैना शर्मा के बताया कि जिला कुल्लू में सोलंग नाला, मढ़ी, मझाच, डोभी, कोठी, गड़सा, नांगाबाग साइट पैराग्लाइडिंग के लिए चिन्हित की गई हैं. इनमें से 7 साइट में पर्यटन विभाग की तकनीकी कमेटी जांच करती है और उसके बाद ही पैराग्लाइडर को उड़ान की अनुमति दी जाती है. वहीं, सोलंगनाला में 180 पायलट, डोभी में 196, मझाच में 4, नांगाबाग में 15, गड़ासा में 40 पायलट रजिस्टर हैं. कुल्लू जिले में कुल 442 पैराग्लाइडिंग पायलट हैं.

ये भी पढे़ं:कुल्लू पैराग्लाइडिंग हादसा: आरोपी पायलट का पुलिस ने करवाया मेडिकल, एडवेंचर के दौरान नशे में होने का शक

ये भी पढ़ें: हिमाचल के बिलासपुर में स्कूटी के साथ पैराग्लाइडिंग, वीडियो देख दांतों तले उंगली दबा लेंगे

Last Updated : Feb 14, 2024, 2:21 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details