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उत्तराखंड ने होम स्टे से गढ़े नए आयाम, चार गांवों को मिलेगा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार - World Tourism Day 2024

World Tourism Day 2024, Best Tourist Village Uttarakhand उत्तराखंड की नैसर्गिक खूबसूरती का दीदार करने हर साल देश ही नहीं विदेशों से भी काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. यहां के तमाम जगह अपनी सुंदरता के चलते लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जिसे अपने शांत वातावरण, मनमोहक दृश्यों के चलते धरती का स्वर्ग माना जाता है. ऐसे में विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर जानते हैं कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड क्या कुछ उपलब्धियां रहीं?

World Tourism Day 2024
पर्यटन में उपलब्धियां (फोटो- Tourism Department)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 27, 2024, 6:20 AM IST

देहरादून (उत्तराखंड):संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने साल 1979 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस की शुरुआत की थी. तब से हर साल 27 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है. पर्यटन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना, टिकाऊ पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देना है. साथ ही पर्यटन में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है. उत्तराखंड भी एक पर्यटन प्रदेश हैं. जहां साल भर देश विदेश के सैलानियों का तांता लगा रहता है. ऐसे में जानते हैं पर्यटन और पर्यटकों के लिए क्या कुछ किया जा रहा है.

पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड की उपलब्धि: उत्तराखंड सरकार देवभूमि में पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए कई नवाचारों पर काम कर रही है. 'अतिथि देवो भवः' की परंपरा को सार्थकता प्रदान करने के हिसाब से पर्यटकों का स्वागत किया जा रहा है. अलौकिक सौंदर्य का केंद्र उत्तराखंड हिमालय पर्वत, घाटियों से लेकर गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों, झीलों, झरनों की वजह से खास पहचान रखता है. चारों धामों के अलावा तमाम सर्किट भी पर्यटकों और यात्रियों के खास हैं.

होम स्टे स्कीम स्कीम पर्यटन के क्षेत्र में लाया नया आयाम:दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना के तहत उत्तराखंड सरकार पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है. इस योजना के तहत राज्य सरकार मैदानी और पहाड़ी इलाकों में होम स्टे बनाने के लिए सब्सिडी देती है. दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना के अंतर्गत जहां एक ओर पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजनों का अनुभव कराया जाता है तो वहीं इस योजना का उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़कर उनकी आय बढ़ाना भी है.

उत्तरकाशी का जखोल गांव (फोटो- Tourism Department)

उत्तराखंड में 5000 से ज्यादा होम स्टे: होम स्टे योजना के तहत अब तक प्रदेश में 5,449 (पांच हजार चार सौ उनचास) व्यक्ति अपना पंजीकरण करवा चुके हैं. जबकि, 900 (नौ सौ) व्यक्तियों को अब तक दीनदयाल होमस्टे योजना में सब्सिडी का लाभ मिल चुका है. पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना भी चलाई जा रही है.

होम स्टे में ठहर कर लें नजारों का आनंद (फोटो- Tourism Department)

इस योजना के अंतर्गत बस, टैक्सी, मैक्स, इलेक्ट्रिक बस, आदि खरीदने के लिए पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा इस योजना में पुश बैक 30 और 42 सीटर टू बाई टू बस, इलेक्ट्रिक बस एवं पुश बैक 26-28 सीटर एवं 42 सीटर टू बाई टू इलेक्ट्रिक बस/वातानुकूलित बस के लिए 50 प्रतिशत अधिकतम 20 लाख की राजकीय सहायता का प्रावधान किया गया है.

पहाड़ों का खूबसूरत नजारा (फोटो- Tourism Department)

इसके अलावा इस योजना के तहत होटल, मोटर गैराज, वर्कशॉप, फास्ट फूड सेंटर, योग ध्यान केंद्र, साहसिक क्रियाकलाप, टेंट आवासीय सुविधा, बेकरी उद्योग, लॉन्ड्री, स्टार गेजिंग, वर्ड वाचिंग, हर्बल टूरिज्म, कयाकिंग, नाव क्रय करने, कैरावैन, एंगलिंग उपकरणों की खरीद, ट्रैकिंग उपकरण केंद्रों की स्थापना के लिए पर्यटन विभाग की ओर से पर्वतीय क्षेत्रों में 33 प्रतिशत अधिकतम 33 लाख रुपए और मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत अधिकतम 25 लाख रुपए अनुदान के रूप में दिया जाता है.

पहाड़ों में बना होम स्टे (फोटो- Tourism Department)
खूबसूरत होम स्टे (फोटो- Tourism Department)

उत्तराखंड के गांव को देश में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का पुरस्कार: केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस 2024 के मौके पर इस बार उत्तराखंड के चार गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार के लिए चुना है. जिसमें उत्तरकाशी में स्थित जखोल को साहसिक पर्यटन, हर्षिल और पिथौरागढ़ स्थितगूंजी गांव को वाइब्रेट विलेज के अलावा नैनीताल के सूफीगांव को कृषि आधारित पर्यटन पुरस्कार के लिए चुना गया है. पर्यटन मंत्रालय की इस पहल से उत्तराखंड के पर्यटन को विश्व मानचित्र पर एक अलग पहचान मिलेगी और दुनिया भर का पर्यटक उत्तराखंड आएगा.

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