हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / bharat

ये हैं हिमाचल के वो 9 पूर्व विधायक, जो बीजेपी में शामिल हो गए - nine Himachal Former MLAs Joins BJP - NINE HIMACHAL FORMER MLAS JOINS BJP

9 Former Himachal MLAs Join BJP: शनिवार को हिमाचल प्रदेश के 9 पूर्व विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इनमें 6 कांग्रेस के बागी और 3 निर्दलीय विधायक थे. इनके बारे में जानने के लिए पढ़ें.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 6:16 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 6:26 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सियासत में 23 मार्च का दिन ऐतिहासिक कहा जा सकता है. कांग्रेस के 6 बागी और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. 27 फरवरी को क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस जीती हुई सीट हार गई. जिसके हिमाचल का सियासी संकट और ये बागी विधायक सुर्खियों में आ गए. शनिवार को कांग्रेस के बागियों के साथ-साथ 3 निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी का दामन थामा है. ये तीनों विधायक शुक्रवार को अपनी विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में कुल 3 निर्दलीय विधायक ही जीते थे. इन तीनों ने भी राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को टिकट दिया था. आइये जानते हैं कि आखिर कौन हैं ये 9 नेता जो बीजेपी में शामिल हुए हैं.

कांग्रेस के बागियों ने थामा बीजेपी का दामन
  1. सुधीर शर्मा- 2019 विधानसभा चुनाव में कांगड़ा जिले की धर्मशाला सीट से कांग्रेस के विधायक चुने गए थे. कांग्रेसी परिवार से ताल्लुक रखने वाले सुधीर शर्मा 2003, 2007, 2012 में भी कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा पहुंच चुके हैं. 2012 में वीरभद्र सिंह की सरकार में वो शहरी विकास मंत्री भी रहे और 2022 में चौथी बार धर्मशाला से विधायक बने थे. सुधीर शर्मा AICC के सचिव थे, राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उन्हें इस पद से हटाया गया था.
  2. राजेंद्र राणा- हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट से 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने की हैट्रिक बनाई थी. वो इससे पहले भी 2012 और 2017 में विधानसभा पहुंच चुके हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राणा ने पूर्व मुख्यमंत्री और उन चुनावों में बीजेपी के सीएम फेस रहे प्रेम कुमार धूमल को हराया था. राजेंद्र राणा हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष थे और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया था.
  3. इंद्र दत्त लखनपाल- 2022 में हमीरपुर जिले की बड़सर विधानसभा से जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. वो 2012 और 2017 में भी विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. 4 दशक से अधिक समय से वो कांग्रेस के साथ थे और वीरभद्र सिंह की सरकार में सीपीएस भी रहे.
  4. रवि ठाकुर- लाहौल स्पीति सीट से 2022 के विधानसभा चुनाव में रवि ठाकुर ने कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी. उनकी मां लता ठाकुर भी लाहौल स्पीति से कांग्रेस की विधायक रही हैं. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का करीबी माना जाता था. रवि ठाकुर 2012 और 2022 में विधानसभा पहुंचे थे.
  5. चैतन्य शर्मा-29 साल के चैतन्य शर्मा ऊना जिले की गगरेट सीट से कांग्रेस की टिकट पर 2022 का विधानसभा चुनाव जीता था. वो पहली बार विधायक बने थे और मौजूदा विधानसभा में वो सबसे युवा विधायक थे.
  6. देवेंद्र कुमार भुट्टो- 2022 विधानसभा चुनाव में ऊना जिले की कुटलैहड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते और पहली बार विधायक बने थे.
  7. केएल ठाकुर- सोलन जिले की नालागढ़ सीट से विधायक केएल ठाकुर निर्दलीय विधायक हैं और दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. 2012 में बीजेपी से विधायक रहे केएल ठाकुर को 2022 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था. जिसके बाद केएल ठाकुर ने बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ा और विधायक बने.
  8. होशियार सिंह- कांगड़ा जिले की देहरा सीट 2022 में निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह ने जीत हासिल की थी. वो देहरा से ही 2017 में पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 2022 विधानसभा चुनाव से उन्होंने बीजेपी का समर्थन तो किया था लेकिन टिकट ना मिलने पर आजाद उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरा और चुनाव जीता था.
  9. आशीष शर्मा-2022 में पहली बार विधायक बने थे. हमीरपुर सीट से निर्दलीय विधायक के रूप में चुनाव मैदान में उतरे आशीष शर्मा ने जीत हासिल की थी. 2022 के चुनाव से पहले आशीष शर्मा बीजेपी की सरकार में बने गौ सेवा आयोग के सदस्य थे लेकिन बीजेपी से टिकट नहीं मिला. इसके बाद चुनावी हलचल के दौरान वो कांग्रेस में शामिल हो गए लेकिन हमीरपुर से उम्मीदवार तय करने में हुई देरी के बाद आशीष शर्मा ने कांग्रेस का हाथ झटककर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
3 निर्दलीय विधायक भी बीजेपी में शामिल

क्यों बागी हुए कांग्रेस विधायक ?

कांग्रेस में मौजूदा कलह गाथा सरकार बनने के साथ ही शुरू हो गई थी. दिसंबर 2022 में हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से कई विधायक नाराज चल रहे थे. सुधीर शर्मा और राजेंद्र राणा मंत्री पद की रेस में तो रहे लेकिन सरकार के 14 महीने बाद भी मंत्रीपद नहीं मिल पाया था. दोनों ने मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी ही सरकार को घेरते रहते थे. चुनावी वादे याद दिलाकर सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करते थे. सुधीर शर्मा तो 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या भी गए थे. सुधीर शर्मा ने अयोध्या का निमंत्रण ठुकराने पर कांग्रेस आलाकमान को आइना भी दिखाया था. क्रॉस वोटिंग के बाद दोनों ने खुलकर सीएम सुक्खू और कांग्रेस आलाकमान को आड़े हाथ लिया था. दूसरे बागी भी सरकार से नाखुश हैं और अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं.

ये हैं कांग्रेस के 6 बागी विधायक

कांग्रेस में कलह की इंतहा का आलम ये है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कई बार मुख्यमंत्री पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगा चुकी हैं. राज्यसभा चुनाव में हुए सियासी ड्रामे के बाद कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया था. उन्होंने रिज पर अपने पिता वीरभद्र सिंह की प्रतिमा ना लगाए जाने और मुख्यमंत्री पर अनदेखी का आरोप लगाया था. हालांकि कांग्रेस वीरभद्र परिवार को मनाने में अब तक कामयाब दिखी है लेकिन बागियों ने अपनी राह बीजेपी की ओर मोड़ ली थी. क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के बागी और निर्दलीय विधायक सरकार पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं. सरकार पर काम ना करने और विधायकों को अपमानित करने का आरोप भी लगाया गया है.

मुश्किल में कांग्रेस सरकार

गौरतलब है कि 6 कांग्रेस विधायकों को स्पीकर द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के बाद हिमाचल प्रदेश की 6 विधानसभा सीटें खाली हो गई थीं. जिनपर चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. 1 जून को हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग घोषित हो चुकी है. इस बीच 3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के बाद 3 अन्य सीटें भी खाली हो जाएंगी. हालांकि इन सीटों पर चुनाव कब होगा, इसका फैसला आयोग करेगा. लेकिन इन 9 सीटों के खाली होने पर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति बिगड़ गई है.

ये हैं तीन निर्दलीय उम्मीदवार

हिमाचल में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 35 है. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई थी. जबकि बीजेपी को महज 25 सीटें मिली थी और 3 सीटों पर निर्दलीय विधायकों की जीत हुई थी. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस को सिर्फ 6 विधायकों के वोट मिले थे. वहीं 3 निर्दलीयों ने भी बीजेपी उम्मीदवार को टिकट दिया था. जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों को बराबर 34-34 वोट मिले थे. मौजूदा समय में कांग्रेस की स्थिति 34 और बीजेपी की 25 है. अगर 9 सीटों पर चुनाव होता है तो कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें:पहली बार दल बदला है, कांग्रेस में अब कोई विजन नहीं रहा, जब तक जिंदा हूं भाजपा में रहूंगा: सुधीर शर्मा

ये भी पढ़ें:हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी और 3 निर्दलीय विधायक बीजेपी में शामिल, सुक्खू सरकार पर किए वार

Last Updated : Mar 23, 2024, 6:26 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details