नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं. अपराधियों में कानून का बिल्कुल भी खौफ नहीं है, लगातार वारदातें हो रही है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बढ़ते अपराध पर एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत भयावह हो गई है, लोग खुलेआम फायरिंग और चाकूबाजी कर रहे हैं. आज सुबह विश्वास नगर में बर्तन व्यापारी मॉर्निंग वॉक के लिए गया था, 2 मोटरसाइकिल सवारों ने उस पर व्यस्त सड़क पर 8 राउंड फायरिंग की और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. अपराधियों की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि वे दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम फायरिंग कर रहे हैं? पिछले 1.5 महीने में दिल्ली में कई गैंगवार और शूटआउट हो चुके हैं.''
केजरीवाल ने आगे कहा; ''दिल्ली में व्यापारियों को खुलेआम करोड़ों रुपये की फिरौती के लिए कॉल आ रहे हैं, नहीं तो उनके बच्चों को मारने की धमकी दे रहे हैं. ऐसे कई मामले हैं और इन सभी मामलों में शूटर पकड़े जाते हैं और पुलिस केस बंद कर देती है. लेकिन जो फिरौती मांग रहा है, असली गैंग, मास्टरमाइंड, खुलेआम घूम रहा है. सबको पता है कि दिल्ली के अंदर 11-12 गैंग चल रहे हैं. वे 1 को भी नहीं पकड़ पाए हैं. अभी महिलाएं असुरक्षित हैं, उनका अपहरण हो रहा है, बलात्कार हो रहा है और फिर उनकी हत्या कर दी जा रही है. दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सीधे गृह मंत्री यानी अमित शाह की है. शाह पर कोई ध्यान नहीं है. अमित शाह कहां हैं?
केजरीवाल पर दिल्ली कांग्रेस ने साधा निशाना:
''निर्भया कांड पर शीला दीक्षित का इस्तीफा मांगने वाले केजरीवाल प्रतिदिन 4-5 बलात्कार और यौन उत्पीड़न की घटनाओं की जिम्मेदारी के चलते मुख्यमंत्री आतिशी का इस्तीफा क्यों नहीं लेते? खौफ में जीने को मजबूर दिल्लीवासियों की रक्षा और सुरक्षा करने की बजाय सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहायक बनने की बजाय दिल्ली के नागरिकों का मनोबल कम करने के लिए हर वो संभव कोशिश कर रहे है जिसके केजरीवाल भाजपा सरकार के साथ राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए बराबर के जिम्मेदार है. अपराध में नंबर वन राजधानी दिल्ली में भाजपा और आम आदमी पार्टी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करके जनता की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे है. केजरीवाल स्वयं बसें और मेट्रों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए आश्वस्त नहीं है, जबकि महिला सुरक्षा के लिए लगाए गए 50 प्रतिशत अधिक सीसीटीवी कैमरे काम ही नहीं करते? बसों के पैनिक बटन फेल होने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, केजरीवाल इस पर चुप क्यों है? दिल्ली सरकार द्वारा घोषित 90 हजार स्ट्रीट के बदले एलईडी लगाने के वायदे का क्या हुआ, जबकि दिल्ली के रिहायशी इलाकों की सड़कों पर अंधेरी और असुरक्षित हैं.''-देवेंद्र यादव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष