रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं. बाबा के धाम को फूल-मालाओं से भव्य तरीके से सजाया गया है. जबकि, पंच पंडा समिति रुद्रपुर की ओर से मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने के छत्र को उतारकर भंडार गृह में रखा गया है.
3 नवंबर को सुबह 8:30 बजे बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट:केदारनाथ धाम के कपाट दीपावली के बाद भैया दूज पर 3 नवंबर को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं. बीती मंगलवार को केदारनाथ धाम में भुकुंट भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर लिए गए. बुधवार यानी आज पंच पंडा समिति रुद्रपुर के अध्यक्ष अमित शुक्ला के नेतृत्व में पंडा समाज ने बाबा केदारनाथ के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की. पंच पंडा समिति ने मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने के छत्र को उतारकर भंडार गृह में रख दिया है.
केदारनाथ धाम की भव्यता (वीडियो सोर्स- Priest of Kedarnath Dham) केदारनाथ गर्भगृह से उतारा गया सोने का छत्र:पंच पंडा समिति रुद्रपुर के अध्यक्ष अमित शुक्ला ने बताया कि धीरे-धीरे केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रियाएं शुरू हो रही हैं. पहले भुकुंट भैरवनाथ के कपाट बंद किए और फिर मंदिर के गर्भगृह से सोने के छत्र को उतारकर भंडार गृह में रखा गया है. 2 नवंबर को समाधि पूजन के बाद 3 नवंबर की सुबह केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
केदारनाथ गर्भगृह से उतारा गया सोने का छत्र (फोटो सोर्स- Priest of Kedarnath Dham) 10 क्विंटल से ज्यादा फूलों से सजाया गया केदारनाथ मंदिर:वहीं, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ मंदिर को दीपावली और कपाट बंद होने के अवसर पर 10 क्विंटल से ज्यादा रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है. उन्होंने बताया कि 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो रहे हैं. 4 नवंबर को तृतीय केदार तुंगनाथ और 20 नवंबर को द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे.
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