बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार को कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से जाति जनगणना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के संबंध में आवश्यक तथ्यों पर मंगलवार तक एक हलफनामा दाखिल करने को कहा. मुख्य न्यायाधीश एन वी अंजारिया और न्यायमूर्ति टी जी शिवशंकर गौड़ा की खंडपीठ ने 2015 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश पारित किया.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जीआर गुरुमथ ने अदालत को बताया कि आयोग के अध्यक्ष के जयप्रकाश हेगड़े पहले ही जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंप चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि याचिका में सर्वेक्षण कराने के आदेश को ही चुनौती दी गयी है.
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि राज्य सरकार के पास ऐसी कोई जनगणना करने की कोई कानूनी या संवैधानिक क्षमता नहीं है. अधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम में संशोधन किया था और यह संशोधन भी राज्य को जाति जनगणना करने का अधिकार नहीं देता है.