कानपुर/प्रयागराज :जिले में एक बार फिर से ट्रेन पलटाने की बड़ी साजिश रची गई. रेलवे पटरी पर 5 किलो का छोटा गैस सिलेंडर रखा था. नजर पड़ते ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर मालगाड़ी को रोक दिया. अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था. घटना कानपुर-प्रयागराज के बीच प्रेमपुर स्टेशन की है. जानकारी मिलने पर जीआरपी, आरपीएफ समेत कई टीमें मौके पर पहुंच गईं. फोरेंसिक और डॉग स्क्वॉड टीम ने भी जांच पड़ताल की. पिछले 38 दिनों में यह ट्रेन पलटाने की पांचवीं घटना है.
सीपीआरओ बोले-गहनता से होगी जांच. (Video Credit; ETV Bharat) कानपुर-प्रयागराज के बीच रविवार की तड़के 5:50 बजे के आसपास एक मालगाड़ी प्रयाराज की ओर जा रही थी. कानपुर से करीब 35 किमी दूर प्रेमपुर स्टेशन पर मालगाड़ी रुकने वाली थी. लिहाजा चालक ने स्पीड कर रखी थी. इस बीच लोको पायलट देवेंद्र गुप्ता ने रेलवे लाइन पर 5 किलो का गैस सिलेंडर पड़ा देखा. इस पर उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर मालगाड़ी रोक दी. इसके बाद रेलवे अफसरों को घटना की जानकारी दी.
कानपुर में फिर ट्रेन पलटाने की साजिश. (Video Credit; ETV Bharat) यह भी पढ़ें :यूपी में फिर बड़ा रेल हादसा; कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस की 22 बोगियां पटरी से उतरीं, आधी रात मची चीख-पुकार
कुछ ही देर में जीआरपी, आरपीएफ समेत कई टीमें मौके पर पहुंच गईं. सिलेंडर की जांच करके उसे हटा दिया गया. हालांकि सिलेंडर की जांच की गई तो पता चला कि यह खाली है. इसके बावजूद ट्रेन बेपटरी होने की संभावनाओं के मद्देनजर मामले की गंभीरत से जांच कराई जा रही है. इससे पहले भी साबरमती एक्सप्रेस के बाद कालिंद्री एक्सप्रेस को भी बेपटरी करने की कोशिश की जा चुकी है.
कानपुर में घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस के आलाधिकारी. (Photo Credit; ETV Bharat) 38 दिनों में 5 बार हो चुकी घटना :कानपुर के ही गोविंदपुरी में बोल्डर से टकराने के कारण साबरमती एक्सप्रेस की 22 बोगियां पटरी से उतर गईं थीं. यह घटना 16 अगस्त की रात हुई थी. इसी कड़ी में 24 अगस्त को पैसेंजर ट्रेन के आगे लकड़ी का टुकड़ा रखकर ट्रेन को पलटाने की कोशिश की गई थी. ट्रेन फर्रुखाबाद से कासगंज की ओर से जा रही थी. इसके बाद 8 सितंबर को अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर भी गैस सिलेंडर रखा था. कालिंदी एक्सप्रेस इससे टकरा गई थी.
मामले की जांच एनआईए, एटीएस और आईबी की टीम भी कर रही है. जांच में पेट्रोल से भरी बोतल, माचिस आदि भी बरामद की गई थी. इसके बाद 18 सितंबर को नैनी दून एक्सप्रेस को पलटाने की कोशिश की गई थी. रेलवे लाइन पर लोहे का खंभा रख दिया गया था. लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी थी. पांचवी घटना रविवार की तड़के हुई.
एनसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि सिलेंडर खाली है, लेकिन यह ट्रैक पर कैसे और किस मंशा से पहुंचा, इसकी गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है. इस प्रकरण में जल्द ही मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा. आसपास के सभी लोकेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. साथ ही स्टेशन और ट्रैक की सुरक्षा को लेकर भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. रेलकर्मियों को जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है.
कालिंदी और साबरमती हादसों के आरोपियों को तलाशने में व्यस्त रहे अफसर, अब प्रेमपुर हादसे ने दहलाया
एक ओर जहां आरपीएफ, जीआरपी, आईबी, एटीएस व कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसर कालिंदी और साबरमती जैसे गंभीर हादसों के आरोपियों को तलाशने में व्यस्त थे, वहीं दूसरी ओर रविवार को छुट्टी वाले दिन कानपुर-प्रयागराज रेलवे ट्रैक पर प्रेमपुर स्टेशन के समीप मालगाड़ी के आगे सिलेंडर रखने की वारदात ने सभी को फिर दहला दिया. 17 अगस्त से लेकर 22 सितंबर तक कानपुर व आसपास हुए चार हादसों में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. वहीं, रविवार को प्रेमपुर हादसे वाले मामले को भी अब आतंकी साजिश से जोड़ा जा रहा है.
साजिशकर्ता संगठित अपराध करने वाले नहीं, पर जल्द करेंगे गिरफ्तार:मौके पर पहुंचे कानपुर के पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने प्रेमपुर हादसे को लेकर कहा कि साजिशकर्ता संगठित अपराध करने वाले नहीं हैं, क्योंकि ट्रैक पर खाली सिलेंडर को रखा गया. लेकिन, कहीं न कहीं उनका मकसद लोगों को नुकसान पहुंचाना जरूर है. इसलिए हम जो भी दोषी हैं, उनको बहुत जल्द गिरफ्तार करेंगे. इन हादसों को लेकर क्राइम ब्रांच व स्टेट एजेंसी की टीमें लगातार कवायद कर रही हैं. हमें कुछ साक्ष्य भी मिले हैं, जिनसे हम आरोपियों तक जरूर पहुंचेंगे. उन्होंने कहा, प्रेमपुर के पास ट्रैक पर जहां सिलेंडर रखा गया वहां आसपास घनी आबादी है. इसलिए इसे किसी की शरारत कह देना जल्दबाजी होगी.
रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा मुहैया करा पाना चुनौती:पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कहा, कि कुछ दिनों पहले उन्होंने रेलवे ट्रैक पर डीआरएम व रेलवे अफसरों के साथ निरीक्षण जरूर किया था. हालांकि, रेलवे ट्रैक पर 24 घंटे सुरक्षा मुहैया करा पाना या फिर ट्रैक की निगरानी बहुत चुनौतीभरा काम है. उन्होंने कहा, कि न तो इनका अधिक पुलिस बल हमारे पास है, न ही कोई खास तकनीक. हालांकि, यह भी कहा कि कानपुर से पनकी-इटावा होते हुए दिल्ली वाले ट्रैक पर सबसे अधिक अवैध कब्जे हैं. जिन्हें बहुत जल्द जिला प्रशासन के अफसरों की मदद से हटाया जाएगा.
जानिए कानपुर व आसपास कब-कब हुए हादसे:
- 17 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस देर रात ढाई बजे कानपुर-झांसी अपलाइन मार्ग पर डिरेल हुई थी.
- पांच सितंबर को कानपुर-झांसी अपलाइन मार्ग पर देर शाम सात बजे ट्रक गिर गया था.
- आठ सितंबर को रात में साढ़े आठ बजे शिवराजपुर थाना के मेडुआ गांव के पास कालिंदी एक्सप्रेस के ट्रैक पर भरा सिलेंडर मिला था.
- 22 सितंबर को सुबह 6 बजे महाराजपुर थाना के समीप प्रेमपुर स्टेशन के पास कानपुर-प्रयागराज रेलवे ट्रैक पर छोटा एलपीजी सिलेंडर मिला.
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